News portals-सबकी ख़बर(संगड़ाह)
उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह के शमशानघाट मे बुधवार को 1 साथ 3 चिंताएं जलने का दिल दहलाने वाला मंजर दिखा। संगड़ाह के साथ लगते टिकरी गांव में मंगलवार रात को हुए पिक-अप हादसे में इसी गांव के 40 से 50 साल के बीच की उम्र के 3 लोगों की दर्दनाक Death हो गई। साथ लगते टिकरी व डाहर गांव के शमशानघाट सदियों से संगड़ाह मे ही है और यहीं मृतकों का अंतिम संस्कार हुआ। गमगीन माहौल में न तो इस बार संगड़ाह मे रावण दहन हुआ और न ही दशहरा मनाया गया।बुधवार दोपहर Postmastem के बाद जैसे ही तीनों Deadbody सौंपी गई परिजनों के आंसु रूकने का नाम नहीं ले रहे थे। अर्थियां उठने के दौरान मृतकों के माताएं, बच्चे व बहनों जैसे परिजन फफक-फफक कर रो पड़े। ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हादसे में मारे गए Driver ईश्वर उर्फ बंटा अपने पीछे 2 लडके व दो बेटियों को छोड़ गए। बेटे मात्र 10 व 12 वर्ष के है, ज़बकि बेटियां दसवीं व +2 में पड़ती है। ईश्वर की मां बसंती देवी को जब बेटे के मरने की खबर मिली तो कुछ समय तक बेसुध हो गई। रामस्वरूप अपने पीछे 1 बेटा व तीन बेटियों को छोड़ गए है। माता जानकी देवी को बेटे के न रहने की बात पर यकीन नहीं हुआ। गीताराम के दो लडके व एक लड़की के सिर से भी पिता का साया को बैठे। बूढ़ी मां का रो-रो कर बुरा हाल है। संयोग देखिए कि, तीनो मृतकों के पिता की मृत्यु पहले ही हो चुकी है और रोने के लिए मांए ही बची है। परिजनों व बच्चों को कहां तो दशहरे का खुशियों का त्योहार मनाना था और अब कहां मातम की घड़ी देखनी पड़ी।
ऐसे में जहां संगड़ाह कस्बे में रावण नहीं जला वहीं, शोक संतप्त परिवारों के घरों में मंगलवार रात से बुधवार रात को अंतिम संस्कार होने तक चूल्हा नहीं जला। ऐसे मातम के माहौल में पिछली रात से इलाके के प्रशासनिक अधिकारी व नेता शोक संतप्त परिवारों के लोगों के पास तो दूर उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह मे भी नजर नहीं आए और चर्चा इस बात की है कि, बड़े लोगों को तो दशहरा मनाना है।
SDM, तहसीलदार व नायब तहसीलदार संगड़ाह क्षेत्र से बाहर बताए गए और तहसील कार्यालय के 1 कर्मचारी ने Sirmaur District Administration अथवा हिमाचल की जयराम सरकार की तरफ से 20-20 हजार की राहत राशि जारी की।
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