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प्रदेश में सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वहन करते हुए जिला सिरमौर के उद्योगपति जिला के टीबी मरीजों का हर संभव सहयोग करेंगे और सहायता प्रदान करेंगे ताकि जिला को जल्द टीबी मुक्त बनाया जा सके। यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम ने आज यहाँ टीबी उन्मूलन हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। इस बैठक में टीबी रोग के उन्मूलन हेतु विभिन्न उपाय करने हेतु चर्चा की गई।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से ऐसे रोगियों की सूची तैयार करने को कहा जो इस रोग से ग्रसित हैं और उनको आर्थिक सहायता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक घरानों में कार्यरत कामगारों एवं अन्य कर्मचारियों में से किसी में टीबी की पुष्टि होने पर उद्योगपति उनकी नौकरी सुनिश्चित बनाए रखें ताकि ऐसे रोगियों और उनके परिवारों को किसी प्रकार की आर्थिक कठिनाई का सामना ना करना पड़े। उन्होंने उद्योगपतियों से जिला के टीबी रोगियों को बेहतर पोषाहार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से उनको गोद लेने के लिए कहा। ऐसे कर्मचारियों को सहयोग प्रदान करें और उन्हें मुफ्त राशन उपलब्ध करवायें जिसके लिए वह सीएसआर के तहत अपना अंशदान जिला रेड क्रॉस के माध्यम से दे सकते हैं ताकि जिला सिरमौर को जल्द से जल्द टीबी मुक्त बनाया जा सके।
उपायुक्त ने विभिन्न सामाजिक संगठनों तथा औद्योगिक घरानों से टीबी के रोगियों की सहायता के लिए आगे आने का आवाहन किया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि विभिन्न संस्थाएं जैसे रोटरी क्लब, लायंस क्लब, इनरव्हील क्लब के सहयोग से टीबी रोगियों की पहचान कर उनके लिए आवश्यक पोषाहार की व्यवस्था की जाए।
बैठक में बताया गया कि निक्षय पोषण योजना के तहत वर्ष 2018 से सभी टीबी मरीजों को 500 रुपए प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसी प्रकार बहु औषधि प्रतिरोधी टीबी मरीजों को 1500 रुपए प्रति माह दिए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, पोषाहार के रूप में हिम न्यूट्रिमिक्स पाउडर दिया जा रहा है ताकि उन्हें सही पोषण प्राप्त हो सके। बैठक में बताया गया कि जिला में टीबी की नैदानिक सुविधाएं 15 स्थानों पर निशुलक उपलब्ध है जिसमें धगेड़ा खंड के तहतनाहन, ददाहू, एमसी जेल तथा पच्छाद खंड के तहत सराहां, नारग, राजगढ़ और कोटि पधोग में यह सुविधा उपलब्ध है।
इसी प्रकार, राजपुर खंड के तहत नागरिक अस्पताल पांवटा साहिब, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र माजरा में यह सुविधा उपलब्ध है। संगड़ाह खंड के तहत संगड़ाह, हरिपुरधार, नोहराधार और गत्ताधार तथा शिलाई खंड के तहत यह सुविधा शिलाई में उपलब्ध है। टीबी की पहचान होने पर इन संस्थानों में ही टीबी का इलाज शुरू कर दिया जाता है। बैठक में उपनिदेशक जिला उद्योग केंद्र ज्ञान चंद चौहान, मुख्य चिकित्सा अधिकारी अजय पाठक, डॉ वीना सांगल, विभिन्न उद्योगपतियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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