News portals- सबकी खबर (नई दिल्ली) केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र व वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को विश्व मानक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के मुख्यालय में आयोजित एक समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मानक नए पेटेंट हैं और जो मानकों, नियंत्रण बाजारों, कीमतों, प्रक्रियाओं, विनिर्माण व नवाचारों को नियंत्रित करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मानकों को विकास का एक प्रमुख स्तंभ माना जाता है। उन्होंने उल्लेख किया कि माननीय प्रधानमंत्री ने विश्व को जीवन का मंत्र (लाइफ) यानी ‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली’ का मंत्र दिया। गोयल ने कहा कि जब कोई राष्ट्र मानकों के लिए बेंचमार्क स्थापित करता है, तो यह उसकी मजबूत नींव और क्षमता को दिखता है। उन्होंने कहा कि बीआईएस को गुणवत्ता नियंत्रण, गुणवत्ता मूल्यांकन और गुणवत्ता पर विश्वास के लिए एक बेंचमार्क बनना चाहिए। मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप में बीआईएस को दोष रहित (जीरो डिफेक्ट) व शून्य प्रभाव (जीरो इफेक्ट) का समर्थन करने वाले मानक तैयार करके उद्योग के लिए एक सुविधा प्रदाता के रूप में काम करना चाहिए और मानकीकरण के क्षेत्र में एक वैश्विक खिलाड़ी व अगुआ के रूप में उभरना चाहिए। उन्होंने इससे सभी संबंधितों को गुणवत्ता को लेकर भारत को एक जागरूक राष्ट्र बनाने और भारतीय गुणवत्ता को हर एक भारतीय के लिए गौरव का विषय बनाने का संकल्प लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इसका उल्लेख किया कि चूंकि भारत वहनीयता पर जोर देने के साथ गुणवत्ता के संबंध में एक जागरूक राष्ट्र बनने का भी प्रयास कर रहा है, इसलिए विश्व मानक दिवस की विषयवस्तु, मानकों और सतत विकास पर ध्यान देने के साथ एक बेहतर विश्व के लिए भारत की सोच को साझा करता है। गोयल ने कहा कि गुणवत्ता और वहनीयता के मंत्र से भारत पूरे विश्व में भारतीय उत्पादों के लिए ब्रांड वैल्यू तैयार कर सकता है। उन्होंने कहा कि बीआईएस में संशोधन जरूर करना चाहिए और राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत बनाए गए नए मानकों के लिए मौजूदा मानकों में वहनीयता को जोड़ना चाहिए। उन्होंने बीआईएस को उत्पादों की सुरक्षा, गुणवत्ता व लागत प्रतिस्पर्धात्मकता और दायित्व सुनिश्चित करके व्यवसायों एवं उद्योगों को सुविधा प्रदान करने के लिए गोयल ने कहा कि बीआईएस को विश्व में अग्रणी बनने और विदेशी व गैर-मानक उत्पादों को पीछे छोड़ने का लक्ष्य रखना चाहिए। बीआईएस के कामकाज में और अधिक सुधार को लेकर दिए गए अपने संदेश में मंत्री ने कहा कि बीआईएस को विश्लेषण देखना चाहिए और पूरे देश में अतिरिक्त प्रयोगशालाओं की स्थापना और मौजूदा प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रयोगशालाओं की इस तरह की मैपिंग पहले भी की जाती रही है और उन्हें विश्वास है कि अगले कुछ महीनों में बीआईएस उद्योग व उपभोक्ताओं, दोनों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली आधुनिक प्रयोगशालाओं को सुनिश्चित करेगा। इस उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता माननीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण व पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने की। अपने संबोधन में उन्होंने राष्ट्रीय मानकीकरण यानी मानक राष्ट्रीय कार्य योजना (एसएनएपी) 2022-27 पर व्यापक रणनीति दस्तावेज तैयार करने में सरकार, उद्योग, मानक निर्माताओं, अकादमिक व उपभोक्ता समूहों आदि के हितधारकों को शामिल करने के लिए बीआईएस के प्रयासों की सराहना की।
यह मानकीकरण के उभरते क्षेत्रों की पहचान करने वाली एक कार्य योजना है, जो डिजिटल इंडिया, स्मार्ट कृषि व स्मार्ट शहरों आदि के क्षेत्र में सरकार की पहल का समर्थन करती है। उन्होंने आगे उम्मीद व्यक्त की कि एसएनएपी 2022-27 का राष्ट्रीय वृद्धि में बढ़ोतरी करने वाला प्रभाव पड़ेगा। विश्व मानक दिवस को मुख्यालय सहित 5 क्षेत्रीय व 41 शाखा कार्यालयों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर मनाया गया। इन गतिविधियों में मानक मंथन, क्वालिटी वॉक और गुणवत्ता संपर्क कार्यक्रम शामिल हैं। गुणवत्ता संपर्क कार्यक्रमों के तहत गुणवत्ता जागरूकता के संदेश के साथ एक लाख से अधिक घरों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। इस विशेष अवसर को मनाने के लिए पूरे देश के बीआईएस कार्यालयों को राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों से सजाया गया। इस कार्यक्रम के दौरान कुछ प्रतिष्ठित उद्योग प्रतिनिधियों ने एसएनएपी 2022-27 पर अपने विचारों को साझा किया।
इसके अलावा प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने तकनीकी शिक्षा में मानकों के महत्व पर विचार-विमर्श किया। वहीं, तकनीकी विशेषज्ञों को मानकीकरण के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। टिकाऊ विकास लक्ष्यों के संदर्भ में इस साल के विश्व मानक दिवस की विषयवस्तु ‘एक बेहतर विश्व के लिए साझा दृष्टिकोण’ है। टिकाऊ समुदायों के लिए मानकों पर तकनीकी सत्र दोपहर में आयोजित किए गए। इनमें विशेषज्ञों व प्रतिष्ठित हस्तियों ने चक्रीय अर्थव्यवस्था, प्लास्टिक व जैव-अपघटनकारी प्लास्टिक का पुनर्चक्रण, हरित परिवहन, अच्छे स्वास्थ्य व कल्याण के लिए आयुष प्रणाली, टिकाऊ शहर व समुदाय, टिकाऊ कृषि पद्धतियां, टिकाऊ शीतलन और सस्ती व स्वच्छ ऊर्जा के विषयों पर अपनी प्रस्तुतियां दीं।
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