News portals- सबकी खबर (संगड़ाह) केंद्रीय समिति अध्यक्ष डॉ अमित चंद कमल ने कहा कि, इस साल गिरिपार के रोनहाट, शिलाई, संगड़ाह, राजगढ़ व रेणुकाजी में हुए महाखुमली सम्मेलन में लिए गए फैसले के मुताबिक इस विधानसभा चुनाव में समिति भाजपा को समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि, गिरिपार के तीनों कांग्रेस व भाजपा विधायकों के अलावा लोकसभा सांसद जैसे वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में हाटी समिति ने फैसला लिया था कि, मांग पूरी होने की सूरत में इस चुनाव में प्रदेश व केंद्र में सत्तासीन भाजपा का समर्थन किया जाएगा। 55 साल पुरानी इस मांग को लेकर हाटी समिति ने इससे पहले कांग्रेस शासनकाल में भी ऐसे निर्णय लिए थे, मगर उस दौरान केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलना तो दूर, आरजीई में रजिस्ट्रेशन तक क्षेत्र के आला नेता नहीं करवा सके थे। उन्होंने कहा कि, चुनावी बेला में कुछ लोग अधिसूचना को लेकर भ्रांतियां फैला रहे हैं जो कि, पूरी तरह गलत है। डॉ कमल ने कहा कि, गत 13 अप्रैल को भारत सरकार के महापंजीयक द्वारा हाटी समुदाय के रजिस्ट्रेशन के साथ ही इस बारे अधिसूचना जारी की जा चुकी है और 14 सितंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अधिकारिक मंजूरी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि, गिरिपार अनुसूचित जाति समिति से जुड़े लोगों द्वारा इस मामले में प्रदेश उच्च न्यायालय में पहले ही याचिका दायर की जा चुकी है, इसलिए समिति ने धारा- 370 की तर्ज पर इसे लोकसभा व राज्यसभा से पारित करवाने का आग्रह सरकार मुख्यमंत्री से किया था। उन्होंने आग्रह किया कि, अध्यादेश पर सीधे राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने पर न केवल वैधानिक दिक्कतें आ सकती थी, बल्कि हिमाचल व गुजरात के चुनाव प्रभावित होने के नाम पर इस मामले में स्टे भी लिया जा सकता था। उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री व भाजपा सरकार ने अपना वादा पूरा किया है और अब हाटी समिति सिरमौर जिला के गिरिपार के तीन विधानसभा क्षेत्र के साथ साथ सोलन व शिमला जिला में भी इस चुनाव में भाजपा को समर्थन करेगी। डॉ कमल ने कहा कि, 1967 से अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग कर रही हाकी समिति द्वारा दशकों सत्ता में रही कांग्रेस को भी ऐसी ओफर दी गई थी, मगर उस दौरान गिरिपार के विधायक आरजीआई में पंजीकरण तक नहीं करवा सके।
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