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November 25, 2024

उम्मीदवारों के माथे पर पसीना दिखना शुरू मतदान की तिथि आ रही समीप

News portals सबकी खबर (नाहन )

सिरमौर जिला के रेणुका विधानसभा क्षेत्र में इस बार न तो गत दो विधानसभा चुनाव में रेणुका विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्त्व करने वाले विनय कुमार भाजपा के खिलाफ कोई ठोस मुद्दा लोगों के बीच नही ला पा रहे हैं न ही रेणुका विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की ओर से फिलहाल किसी बड़े नेता की दस्तक हो पाई है। जिला सिरमौर के पांच विधानसभा सीटों पर भी जैसे जैसे मतदान की तिथि समीप आ रही है चुनावी मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों के माथे पर पसीना दिखना शुरू हो गया है। गत 10 वर्षों में रेणुका विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्त्व कर रहे वर्तमान विधायक विनय कुमार प्रदेश सरकार के खिलाफ गत पांच वर्षों में मोर्चा खोलने में विफल रहे हैं। 2012 से 2017 तक विनय कुमार कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मुख्य संसदीय सचिव लोक निर्माण विभाग रहे परंतु रेणुका विधानसभा क्षेत्र की यदि सडक़ों की हालत देखें तो वह भी किसी से छुपी नहीं है।

विनय कुमार के सामने इस बार भारतीय जनता पार्टी ने एक नए चेहरे के रूप में नारायण सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं रेणुका विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व में एससी/एसटी निगम के उपाध्यक्ष रह चुके बलबीर चौहान भी टिकट न मिलने के कारण अंदरखाते काफी नाराज हैं। गौर हो कि बलबीर सिंह के साथ रेणुका विधानसभा क्षेत्र का करीब 16 हजार से अधिक मतदाता जुड़ा हुआ है। वर्ष 2012 में विनय कुमार के खिलाफ भाजपा ने हृदय राम को चुनाव मैदान में उतारा था तथा विनय कुमार को 21,332 वोट तथा हृदय राम को 20,677 वोट पड़े थे। परंतु 2017 के चुनाव में हृदय राम ने भाजपा का टिकट न मिलने पर पार्टी से विद्रोह किया तथा भाजपा ने बलबीर चौहान को पार्टी का उम्मीदवार बनाया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी विनय कुमार कांग्रेस की ओर से चुनावी मैदान में थे।

विनय कुमार को 2017 में 22028 वोट पड़े थे, जबकि बलबीर सिंह को भाजपा के टिकट पर 16,868 मत प्राप्त हुए थे। आजाद उम्मीदवार के रूप में भाजपा से विद्रोह करने वाले हृदय राम को भी 12069 वोट प्राप्त हुए थे जो कि भारतीय जनता पार्टी की हार का मुख्य कारण बना था।इससे पूर्व रेणुका विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है। कांग्रेस की ओर से स्व. डा. प्रेम सिंह ने वर्ष 1982 से 2011 तक रेणुका विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्त्व किया। केवल 1990 के विधानसभा चुनाव में जनता दल की ओर से रूप सिंह ने डा. प्रेम सिंह को हराया था। इसके अलावा रेणुका विधानसभा क्षेत्र से अधिकांश समय कांग्रेस का प्रतिनिधित्त्व रहा है। केवल वर्ष 2011 में जब तत्त्कालीन विधायक डा. प्रेम सिंह का निधन हुआ था तो उस दौरान उप-चुनाव में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने के कारण रेणुका विधानसभा क्षेत्र के उप-चुनाव में भाजपा की ओर से हृदय राम ने विनय कुमार को मात दी थी।गत करीब 40 वर्षों की बात की जाए तो रेणुका विधानसभा क्षेत्र से केवल साढ़े तीन वर्ष का कार्यकाल गैर कांग्रेस के पास रहा है। जिसमें से तीन वर्ष तक जनता दल की ओर से रूप सिंह विधायक रहे थे तथा छह माह के करीब हृदय राम ने रेणुका विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्त्व किया था। रेणुका विधानसभा क्षेत्र में भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों के उम्मीदवार चुनावी मुद्दों को भुनाने में असफल दिखाई दे रहे हैं। भाजपा व कांग्रेस को जहां राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी के जगमोहन सिंह कड़ी चुनौती दे रहे हैं तो वहीं आम आदमी पार्टी के रामकिशन भी चुनावी मैदान में मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। ऐसे में रेणुका विधानसभा क्षेत्र के 73,600 मतदाता ऊहापौह की स्थिति में है कि आखिरकार क्षेत्र का नेतृत्त्व किस नेता के हाथ में दें।

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