News portals-सबकी खबर (नाहन)
हिमाचल प्रदेश में अब उत्पाती बंदर वर्मिन घोषित नहीं होंगे|हर महीने बंदरो के हमले और काटने के सेकड़ो मामले सामने आने के बावजूद प्रदेश वन्यजीव विभाग अब केंद्र से इन्हें वर्मिन घोषित करने के लिए प्रस्ताव नही भेजेगा | यही नहीं, अब हर चार साल बाद प्रदेश में बंदरो की गणना करने का भी फेसला लिया गया हैं| वन मुख्यालय शिमला में मंगलवार को बंदरों से जुड़ें मुद्दों पर हुई कार्यशाला में विभाग की सर्वे रिपोर्ट और विशेषज्ञों की रे के बाद इसका फेसला लिया है| वन्यजीवन विंग के प्रधान मुख्य अरणयपाल राजीव कुमार की अध्यक्षता में हुईं इस कार्यशाला में बंदरों की संख्या और इनके व्यहार को लेकर हुए पिछले सर्वे की रिपोर्ट पर चर्चा की गईं |रिपोर्ट डी कि केंद्र से पहले भी कहि बार प्रदेश में बंदरो को मरने के लिए इन्हें वर्मिन घोषित किया जा चूका है| वुभाग के आंकड़ो के अनुसार वर्मिन घोषित होने के बाद साल 2019 तक प्रदेश में सिर्फ पांच बंदर ही मारे गए हैं | ग्रामीण और शहरी क्षेत्रो में कई जगह मरे हुए बंदर भी मिले है,लेकिन इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नही हैं| लोगों वर्मिन घोषित होने के बावजूद बंदर नहीं मार रहे | इन्हें वर्मिन घोषित करने की मांग भी नही आई है| एसे में अब दोबारा केंद्र को इसका प्रस्ताव नहीं भरजा जायगा |
एडीशनल पीसीसीएफ अनिल ठाकुर ने बताया कि अब बंदरों को वर्मिन घोषित करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव नही भेजा जायगा | बंदरो की गणना कितने साल बाद की जानी चाहिय, इसे लेकर प्रदेश में अभी तक कोई समयवधि तय नही की गयी थी | अब विभाग ने हर चार साल बाद में गणना करने का फेसला लिया है | इसमें देखा जायगा कि बंदरो की संख्या में कितनी कमी आई है | इनके व्यहार पर भी सर्वे होगा| अब अगले साल 2023 में बंदरों का सर्वे करवाया जा रहा है | इसके पहले 2015 में भी सर्वे करवाया गया था |
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