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राज्यों के सभी वित्त मंत्रियों के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 25 नवंबर को दिल्ली में एक बैठक बुलाई है। इस बैठक के लिए हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना दिल्ली जाएंगे। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अगले आम बजट के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। साथ ही एमसीडी चुनावों के लिए दिल्ली में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ड्यूटी भी लग रही है। यदि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नहीं गए, तो फाइनांस सेक्रटरी ही हिमाचल का प्रतिनिधित्व करेंगे। दूसरी और हिमाचल केंद्रीय आम बजट से इस बार तीन मांगें रख रहा है। जिसमे सबसे पहली मांग जीएसटी कंपनसेशन को बहाल करने की है। जीएसटी कलेक्शन के शॉर्टफॉल की भरपाई केंद्र सरकार कंपनसेशन के जरिए करती थी। इसे इसी वर्ष से बंद कर दिया गया है। इससे राज्य को हर साल 4000 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। वहीं,हिमाचल सरकार इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट स्कीम को भी बहाल करने की डिमांड रखेगी, जिसके लगभग सैकड़ों केस भारत सरकार में पेंडिंग हैं और करीब 600 करोड़ की सब्सिडी नहीं आई है। हिमाचल की ओर से तीसरी डिमांड पहाड़ी राज्य में एयर कनेक्टिविटी की सेवाओं को फंड करने की है और राज्य के लिए एयर एंबुलेंस भी इसी स्कीम का हिस्सा है।आम बजट में हिमाचल की क्या डिमांड रखी जाए? इसको लेकर मुख्य सचिव आरडी धीमान ने वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ बुधवार को सचिवालय में बैठक की। इसमें यह एजेंडा तय हुआ है। हिमाचल में आठ दिसंबर को नई सरकार का फैसला होगा और राज्य की वित्तीय स्थिति को देखते हुए केंद्रीय मदद बेहद जरूरी है। राज्य के बजट पर भी शुरू हो गया है काम हिमाचल के अगले वार्षिक बजट के लिए भी वित्त विभाग ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। नई सरकार के चुनकर आते ही दिसंबर के महीने में विभागों के साथ वार्षिक योजना और अन्य मसलों पर बैठकर शुरू हो जाएंगी। इस बार विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी पहले हो जाएगा, क्योंकि प्रदेश के नए विधायकों को शपथ इसी सत्र में दिलाई जाती है।
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