News portals-सबकी खबर (नाहन)
हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सिरमौर जिला में हाटी फैक्टर नहीं चल पाया। चुनाव प्रचार के दौरान जिला में भाजपा ने इसे बड़े मुद्दे के रूप में भुनाया। परंतु फिर भी कांग्रेस ने भाजपा को शिकस्त देकर चुनाव में बाजी मार ली। यही नही बल्कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के करीबी माने जाने वाले बलदेव तोमर भी शिलाई से चुनाव हार गए। उन्होंने पूरे चुनाव प्रचार में हाटी के मुद्दे को खूब जोर-शोर से उठाया, लेकिन स्थिति इसके उलट रही। दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा देने का एलान कर बड़ा दांव खेला।चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने केंद्रीय कैबिनेट में हाटी समुदाय को जनजातीय घोषित करने को मंजूरी दी।उम्मीद की जा रही थी कि यहां हाटी फैक्टर चलेगा, लेकिन कांग्रेस ने भाजपा को चारों खाने चित कर दिया। हाटी समुदाय की अधिकतर आबादी शिलाई व रेणुका जी क्षेत्र में ही आती है। हालांकि, भाजपा के लिए राहत की बात यह रही कि पांवटा साहिब से सुखराम चौधरी व पच्छाद से रीना कश्यप चुनाव जीत गईं, लेकिन इन दोनों ही क्षेत्रों में हाटी समुदाय की आबादी बहुत कम है। राजनैतिक विशेषज्ञ भी मानते हैं कि जिला में हाटी फैक्टर नहीं चला। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपनी चुनावी रैलियों में हाटी के मुद्दे को खूब भुनाया था।यहां तक कि गिरिपार क्षेत्र में आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में भी प्रत्याशियों ने पूरे चुनाव प्रचार में इसे केंद्र सरकार की बड़ी सौगात बताया, लेकिन भाजपा की सारी उम्मीदें धरी की धरी रह गईं।यहां तक कि भाजपा प्रत्याशी बलदेव तोमर शिलाई में भाजपा का विधायक न होते हुए भी बहुत से विकास कार्यों को यहां करवाने के मुद्दे को चुनाव प्रचार में खूब भुनाते नजर आए, लेकिन वह भी उनके काम नहीं आया। शिलाई से कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान जीत का सिक्सर लगाने में कामयाब हुए तो रेणुकाजी से विनय कुमार ने जीत की हैट्रिक लगाई।
Recent Comments