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सोमवार को एचपीयू प्रशासन कमेटी के अधिकारियों ने फाइनल रिपोर्ट सौंप दी है, और अब इसके लिए वीसी के हस्ताक्षर होना बाकी है। एन्वायरमेंट साइंस में फेल हुए छात्रों को एचपीयू प्रशासन पांच ग्रेस माक्र्स देगा। जिससे सामने आया है कि ईआरपी सिस्टम में कोई गलती नहीं थी और केवल एन्वायरमेंट साइंस में ही ज्यादातार छात्र फेल हुए हैं। बैठक में सभी पहलुओं पर चर्चा के बाद यह रिपोर्ट सौंपी गई है। इससे साफ हो गया है की एचपीयू में भले ही यूजी प्रथम वर्ष में फेल होने वाले छात्रों की संख्या ज्यादा है, लेकिल वे पास नहीं होंगे और केवल एक ही विषय में छात्रों को पांच ग्रेस माक्र्स दिए जाएंगे। जिससे यह भी साफ हो गया है कि सभी छात्र जो फेल हुए हैं, उन्हें अब पिछली कक्षाओं में बैठना होगा और पिछली कक्षा के ही पेपर देने होंगे। एचपीयू में जिन कालेजों में छात्र ज्यादा संख्या में फेल हुए थे, उनमें से 3300 छात्रों के पेपर की जांच की गई थी। इसमें दो बार पेपर चैक करने के बाद तीसरी बार थर्ड पार्टी से पेपर चैक करवाए गए। तीसरी बार हुए मूल्यांकन में करीब 131 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। जांच कमेटी के पुनर्मूल्यांकन को लिए गए सबसे खराब परिणाम वाले दस कालेजों के करीब 3300 छात्रों के हर विषय के सैंपल उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन दूसरी बार करवाया गया, इसके बाद कमेटी ने दस से अधिक अंक के अंतर वाले करीब 2100 छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं का तीसरी बार मूल्यांकन करवाया गया। अब इसमें सामने आया है कि केवल एन्वायरमेंट साइंस में ही ज्यादातर बच्चे फेल हुए हैं और इसी सब्जेक्ट में ग्रेस माक्र्स दिए जाएंगे।जांच पूरी होने के बाद भले ही एचपीयू प्रशासन ने आठ करोड़ से लगाए गए ईआरपी सिस्टम को सही बताया है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इस सिस्टम में कई खामियां सामने आई हैं। दूसरा सवाल यह भी है कि अब छात्र दूसरे वर्ष की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं, लेकिन उन्हें अब पिछली कक्षाओं के पेपर देने होंगे। रिजल्ट में खामियां प्रदेश के हजारों छात्रों पर भारी पड़ी है। छात्रों का रिजल्ट चार माह बाद घोषित किया गया, जो पहले ही लेट था। अब दोबारा रिजल्ट में एचपीयू के ज्यादातर छात्र फेल हो गए हैं।
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