News portals-सबकी खबर (कांगड़ा ) भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा मजदूरों की हाजिरी में पारदर्शिता लाने के लिए एनएमएमएस एप बनाई है। इसके जरिये कामगारों की हाजिरी लगाई जा रही है। एप पर हाजिरी लगाने के लिए ग्राम रोजगार सेवकों ने प्रधानों, उपप्रधानों और वार्ड सदस्यों के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड तैयार किया है। हाजिरी लगाने से पहले पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत कामगारों की हाजिरी अब नेशनल मोबाइल मानीटरिंग साफ्टवेयर (एनएमएमएस) एप पर लगेगी। एप से हाजिरी लगाने का कार्य कुछ पंचायतों में शुरू हो गया है, जबकि कुछ पंचायतों में अभी नए मस्टररोल न निकलने से यह कार्य शुरू नहीं हुआ है। एप पर एक दिन की हाजिरी लगाने के लिए प्रधानों, उपप्रधानों और वार्ड सदस्यों को 20 से अधिक चरणों से गुजरना होगा। इसके बाद ही हाजिरी अपलोड होगी। यह प्रक्रिया रोजाना हाजिरी लगाने के लिए दोहरानी होगी।हाजिरी लगाने के लिए ये होंगे स्टेप
1. एप ओपन कर यूजर आईडी और पासवर्ड डालना
2. एप में मनरेगा के साथ बनी तीन लाइनों पर क्लिक करना
3. मस्टररोल को डाउनलोड करना
4. डाउनलोड मस्टररोल इश्यू डाटा
5. मिले संदेश पर ओके बटन दबाना
6. बैक बटन दबाकर फिर से डाटा एंट्री ऑप्शन तक पहुंचना
7. डाटा एंट्री बटन पर क्लिक करना
8. मस्टररोल एटेंडेंस पर क्लिक करना
9. वर्क कोड सेलेक्ट करना
10. मस्टररोल नंबर सेलेक्ट करना
11 मस्टररोल को ओपन करना
12. मस्टररोल में मजदूरों के नाम के आगे बने कॉलम पर क्लिक करना
13. लगाई गई हाजिरियों को कन्फर्म करना
14. एप पर बने कैमरा बटन पर क्लिक कर फोटो खींचना और उसे सेव करना
15. दो बार बैक बटन पर क्लिक कर अपलोड़ डाटा पर पहुंचकर क्लिक करना
16. अपलोड अटेंडेंस पर क्लिक करना
दूसरे चरण की प्रक्रिया
17. दोपहर की हाजिरी के लिए पुन: एप खोल कर वर्क कोड और मस्टररोल नंबर सेलेक्ट करना
18. डाटा एंट्री पर क्लिक करना,
19. आफ्टरनून सेकेंड वर्कर्स फोटो पर क्लिक करना
20. वर्क कोड और मस्टररोल नंबर को सेलेक्ट करने के बाद ग्रुप फोटो को सेव करना
21. बैक बटन से पीछे जाकर डाटा एंट्री से नीचे अपलोड डाटा पर क्लिक करना
22. अपलोड एटेंडेंस ग्रुप फोटो पर क्लिक करना
23. ग्रुप फोटो आफ्टरनून नंबर ऑफ रिकॉर्ड को अपलोड करना
मनरेगा मजदूरों की हाजिरी एप से ऑनलाइन लगाने का प्रावधान भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने किया है। पंचायत प्रधानों, उपप्रधानों और वार्ड सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उ
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