News portals-सबकी खबर (नई दिल्ली ) आस्ट्रेलिया में खालिस्तानी समर्थक बवाल मचा रहे हैं। कभी तो खालिस्तानी समर्थक ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों को निशाना बना रहे हैं, तो कभी तिरंगा झंडा लिए स्टूडेंट्स और लोगों पर हमला बोल रहे हैं। आस्ट्रेलिया में खालिस्तानी समर्थकों के इस उपद्रव पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ा संदेश दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने खालिस्तानी समर्थकों इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि हम इस तरह के घटनाओं और तोड़-फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं। हमने खालिस्तान जनमत संग्रह को अपनी अस्वीकृति से अवगत कराया है। हमने वहां पर भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसे आस्ट्रेलियाई अधिकारियों के समक्ष उठाया है। वहीं ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी अमरीकी यात्रा पर जाने वाले हैं। अमरीकी राष्ट्रपति के व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी करने की खबरों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहाकि, हम यात्रा की घोषणा उचित समय पर करेंगे, इस समय मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है।हमने तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह और राजनीति से प्रेरित कार्यों के प्रति अपनी दृढ़ अस्वीकृति से अवगत कराया है। हमने आस्ट्रेलिया सरकार से भारतीय समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऐसे लोगों और कामों के लिए आस्ट्रेलियाई क्षेत्र के उपयोग की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया है जो भारत की अखंडता, इसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक होगा। विदेश मंत्रालय ने आस्ट्रेलिया में चरमपंथी घटनाओं पर कहा कि हम चरमपंथी तत्त्वों द्वारा ऐसे हमलों की कड़ी निंदा करते हैं और स्थानीय अधिकारियों से अपराधियों को दंडित करने का आग्रह करते हैं। प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों सहित तत्त्वों द्वारा कार्रवाई के बारे में हम बार-बार ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ अपनी चिंता को उठाते रहे हैं।प्रवक्ता बागची ने कहा कि हम एससीओ की वर्तमान अध्यक्षता करते हैं। हम पाकिस्तान सहित सभी एससीओ देशों को निमंत्रण देते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वे इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुझे लगता है कि पाक अधिकारियों ने ऐसे आयोजनों में भाग लिया होगा। मुझे नहीं पता कि किसने पुष्टि इसकी की है।
सिंधु जल संधि पर नोटिस का पाक विश्व बैंक से कोई जवाब नहीं मिला
सिंधु जल संधि पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहाकि, हमने पाकिस्तान को 1960 की सिंधु जल संधि में संशोधन के लिए 25 जनवरी को नोटिस जारी किया है। मुझे पाकिस्तान या विश्व बैंक की ओर से किसी भी तरह की प्रतिक्रिया की जानकारी नहीं मिली है।
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