शरली पंचायत के अंदर स्थानीय पंचायत के मजदूरों कि जगह दूसरे देश से मजदूरो से करवाया जा रहा मनरेगा के कार्य
News portals-सबकी खबर (कफोटा ) हिमाचल प्रदेश में नई सरकार को बनकर अभी तीन महीने भी नही हुए है और सरकार की करनी और कथनी जनता के सामने आने लगी है। प्रदेश सरकार खुद को भ्रष्टाचार मुक्त और भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने वाली सरकार बताती है। लेकिन धरातल पर सरकार के दावों से विपरीत परिस्थितियां नजर आ रही है। ताजा मामला खण्ड विकास कार्यालय तिलोरधार के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत शरली का सामने आया है। जहां पर पंचायत के अंदर दूसरे देश से मजदूर मंगवाए गए है और फिर उन मजदूरों से मनरेगा के कार्य को करवाया जा रहा है। हालांकि स्थानीय पंचायत प्रधान, जीआरएस और कनिष्ठ अभियंता व संबंधित कार्य के कर्मचारियों की चालाकी करते हुए मनरेगा मस्टरोल पर स्थानीय पंचायत के मजदूरों को दर्शाया गया है। लेकिन मौका पर नेपाल से आए मजदूरों द्वारा कार्य करवाया जा रहा है। विभागीय जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत शराली के गांव कुमली में खदराई हाउस से लेकर शेर सिंह हाउस तक लगभग 800 मीटर लिंक मार्ग का निर्माण करवाया जा रहा है। लिंक मार्ग निर्माण सहित सुरक्षा दीवारों पर मनरेगा के अतिरिक्त अन्य मदों से पंचायत द्वारा लगभग 22 लाख रुपए खर्च किए जा रहे है। जिसमे से लगभग 9 लाख रुपए स्थानीय पंचायत द्वारा खर्च दर्शाए गए है और मौका पर कार्य प्रगति पर है।आश्चर्य इस बात से हो रहा है कि सरकार ने मनरेगा प्रोजेक्ट स्थानीय जनता को रोजगार प्रदान करने के लिए बनाया है। लेकिन ग्राम पंचायत शरली के अंदर आपको मनरेगा के अंतर्गत नेपाली मजदूरों द्वारा कार्य करने का वीडियो दिखाई दे रहा है। पंचायत के अंदर टेबल के नीचे क्या माजरा है यह तो विभागीय जांच में सामने आएगा, बेरहाल नेपाली मजदूरों द्वारा जहां कार्य किया जा रहा है वह मनरेगा के तहत करवाए जा रहे कार्य का वीडियो ग्राम पंचायत शरली का बताया जा रहा है।
उल्लेखीय है कि स्थानीय विधायक और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की ग्राम पंचायत शरली, गृहक्षेत्र के साथ लगती पंचायत है। और ग्राम पंचायत प्रधान भी प्रदेश सरकार समर्थित नेता बताए जा रहे है। बताया यह भी जा रहा है कि स्थानीय लोगों ने मामले की शिकायत जिला उपायुक्त को दी है। लेकिन सरकार का आशीर्वाद होने के कारण पंचायत प्रधान की मनमर्जी और नेपाली मजदूरों की सेवाएं पंचायत अंदर दिनरात जारी है। उधर खण्ड विकास कार्यालय तिलोरधार में कार्यरत खंड कार्यालय अधिकारी भाग सिंह की माने तो उन्होंने बताया कि इससे पहले भी नेपाली मजदूरों द्वारा कार्य करवाए जाने की सूचनाएं आई है। इसलिए पंचायत प्रधान व संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अम्ल में लाई जाएगी तथा मामले में जांच बिठाई जा रही है।
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