News portals-सबकी खबर (संगड़ाह )पंचायत समिति अध्यक्ष संगड़ाह के बारे में अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के विषय पर जब समिति के अध्यक्ष मेला राम शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जिस नियम के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है उस नियम के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम 12 सदस्यों के हस्ताक्षर होना अनिवार्य हैं परंतु कांग्रेस द्वारा लाए गए प्रस्ताव में केवल 11 सदस्यों के हस्ताक्षर है और 12 सदस्य का मात्र नाम लिखा गया है। उन्होंने बताया की भाजपा समर्थित जिन पंचायत समिति सदस्यों के उसमें नाम लिखे गए हैं उनमें से एक सदस्य ने हस्ताक्षर करने से साफ मना कर दिया है जबकि तीन अन्य सदस्यों से डरा धमकाकर हस्ताक्षर करवाए गए हैं ।मेलाराम शर्मा ने बताया कि जिस तरह से कांग्रेस के नेताओं ने प्रदेश की प्रत्येक महिला को प्रतिमा 15 सो रुपए देने का झूठा वादा, 100000 युवाओं को हर वर्ष रोजगार देने का प्रलोभन, किसानों से ₹2 प्रति किलो गोबर खरीदने का आश्वासन और कर्मचारियों को पहली मंत्रिमंडल की बैठक में ओ पी एस लागू करने का प्रलोभन देकर प्रदेशवासियों को गुमराह करके जिस तरह सरकार बनाई गई है उसी प्रकार अब लोकतंत्र का गला घोट कर कांग्रेस के नेता पंचायत समिति अध्यक्ष के खिलाफ अनैतिक अविश्वास प्रस्ताव लाने का कुप्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि रेणुका के विधायक विनय कुमार को प्रदेश की ठाकुर सुखविंदर सु्कखु की सरकार में कोई स्थान ना मिलने के कारण यहां के कांग्रेसी नेता अब बौखलाहट में लोकतंत्र की हत्या करने में लगे हैं और भाजपा समर्थित पंचायत समिति सदस्य की खरीद-फरोख्त करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ भाजपा समर्थित पंचायत समिति सदस्य चट्टान की तरह खड़े हैं और वह कांग्रेसी नेताओं के झूठे आश्वासन और खरीद फरोख्त की नीति के आगे बिकने वाले नहीं है।मेला राम शर्मा ने बताया कि वह पीठ दिखाकर भागने वाले कमजोर व्यक्ति नहीं है और वह अनैतिकता के आधार पर लाए गए इस अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर अपना बहुमत साबित करेंगे। उन्होंने कांग्रेसी नेताओं को चेताया कि वह प्रदेश सरकार से इलाके का विकास करवाएं और इस प्रकार से अनैतिक हथकंडे अपनाकर क्षेत्र की भोली-भाली जनता को गुमराह ना करें
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