News portals-सबकी खबर (नई दिल्ली ) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए पेमेंट करने वाले ग्राहक काफी परेशान हैं। इस परेशानी की वजह नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) का एक सर्कुलर है। इस सर्कुलर में प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई) के जरिए किए गए 2000 रुपये से अधिक के मर्चेंट पीपीआई ट्रांजेक्शन पर 1.1 प्रतिशत इंटरचेंज चार्ज लगाने को कहा गया है। इसके बाद से ही लोग कन्फ्यूज्ड हैं। हालांकि बुधवार को एनपीसीआई ने साफ किया कि यदि आप एक सामान्य यूजर हैं और दोस्तों, परिवार या किसी अन्य व्यक्ति या व्यापारी के बैंक खाते में पीपीआई के माध्यम से पैसे भेजते हैं, तो आप पहले की तरह बिना किसी चार्ज के लेन-देन करते रहिए। ऐसे ग्राहकों को यूपीआई के जरिए ट्रांजेक्शन पर इंटरचेंज चार्ज नहीं देना होगा। बयान के मुताबिक, अगर आप अपने बैंक अकाउंट से दूसरे के बैंक अकाउंट में यूपीआई के जरिए लेन-देन कर रहे हैं, तो आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा। बता दें कि 99 फीसदी से ज्यादा लेन-देन इसी तरह के होते हैं।यह चार्ज सिर्फ प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई) के जरिए मर्चेंट यूपीआई ट्रांजेक्शन पर यह चार्ज लगेगा। पीपीआई का मतलब पेटीएम वॉलेट, फोनपेवॉलेट, अमेजन पे, फ्रीचार्जवॉलेट, मोबिक्विक वॉलेट व अन्य से हैं। खास बात यह है कि आम आदमी को वॉलेट से भी ट्रांजेक्शन पर चार्ज नहीं देना होगा। यह पूरी तरह से मर्चेंट और बैंक से जुड़ा मामला है। मर्चेंट का मतलब उस दुकानदार से है जिसने स्कैनर लगा रखा है। वहीं, बैंक वह है जिसमें मर्चेंट को ग्राहक द्वारा किए गए पेमेंट का पैसा जमा होगा।
ऐसे समझें
मान लीजिए कि किसी शख्स ने दुकान से 2100 रुपए की शॉपिंग की और दुकानदार के पेटीएम को स्कैन कर बिल का भुगतान किया। उसके लिए यह पूरी प्रक्रिया फ्री है, लेकिन दुकानदार के लिए पहली अप्रैल से यह महंगा होगा। असल में यूपीआई क्यूआर से ट्रांजेक्शन के बाद पैसे दुकानदार के बैंक अकाउंट में जाएंगे और इसी रकम पर 1.1 प्रतिशत इंटरचेंज चार्ज देना होगा।
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