News portals-सबकी खबर (राजगढ़) सिरमौर जिला के उपमंडल राजगढ़ के Folk Artist जोगेंद्र हाब्बी का नाम Asia Records Book मे दर्ज होने से न केवल उनके दल के कलाकारों में भारी उत्साह है, बल्कि Sirmaur व प्रदेश भर से लोग उन्हें Social Media पर बधाई दे रहे हैं। जोगिद्र सिह हाब्बी को Language and Culture Department द्वारा आयोजित की जाने वाली जिला स्तरीय लोकनृत्य प्रतियोगिता में लगातार 10 बार उनके निर्देशन वाले दल के 1st position पर रहने के लिए यह सम्मान मिला है। इससे पूर्व गत वर्ष India Book of Records में भी उनका नाम दर्ज हो चुका है। Joginder Habbi ने इन दोनों रिकॉर्ड का श्रेय अपने गुरु Padmashri विद्यानंद सरैक व सहयोगी कलाकारों को दिया। हाब्बी सिरमौर के पहले लोक कलाकार हैं, जिनके नाम यह Record दर्ज हुए। देश के विभिन्न हिस्सों को अलावा विदेशों में भी उनका दल सिरमौरी लोक संस्कृति की छाप छोड़ चुका है। हाब्बी में कहा कि, पद्मश्री विद्यानंद सरैक द्वारा करीब दो दशक से आसरा तथा चूड़ेश्वर सांस्कृतिक दल के कलाकारों को समय समय-समय पर लोक नृत्य व विधाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार विजेता लोक कलाकार गोपाल हाब्बी, लोक गायक धर्मपाल चौहान, रामलाल वर्मा व सरोज आदि ने लगाया 10 साल District level Folk Dance competition भाग लेकर लगातार प्रथम स्थान बरकरार रखने में भरपूर सहयोग दिया। इसके अलावा बलदेव, अमीचंद, चमन, संदीप, अनुजा, सीमा, रीना, सुनपति, लक्ष्मी, प्रिया, सरस्वती, जितेंद्र, हंसराज, चिरंजीलाल, सोहनलाल, चेतराम, कृष्ण लाल, मुकेश, देवीराम, अनिल, रमेश, सुनील, बिमला व पायल आदि कलाकारों ने भी कई बार इन प्रतिस्पर्धाओं में भाग लिया। हाब्बी ने कहा कि, उनका दल पारम्परिक सिरमौरी नाटी, ठोडा, रासा, मुंजरा, दीपक, झूरी व परात नृत्य गायन के अलावा ढीली नाटी, हरिहाल्टी गी, सिंहटू, डगेली तथा भड़ाल्टू नृत्य आदि लोक विधाओं की कोरियोग्राफी के लिए भी जाना जाता है। सिरमौर की लोक संस्कृति का संरक्षण व यहां के लोक संगीत की गूंज दुनिया के कोने-कोने तक पंहुचाना उनकी हसरत है। विभिन्न विभागों व संस्थानों द्वारा आयोजित लोकनृत्य प्रतिस्पर्धाओं में 8 बार राज्य स्तर पर व 1 बार National lavle पर जीत हासिल कर उनका दल सिरमौरी संस्कृति व अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
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