News portals-सबकी खबर (शिमला ) उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के नेतृत्व में राज्य सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने आंध्र प्रदेश के विजाग में स्थित भारत के पहले एपीआई और फार्मा पार्क जवाहरलाल नेहरू फार्मा सिटी (जेएनपीसी) का दौरा किया। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि इस दौरे का उद्देश्य विजाग स्थित फार्मा पार्क की तर्ज पर ऊना में बल्क ड्रग पार्क विकसित करने के लिए आवश्यक जानकारी साझा करना है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल्स विभाग (जीओआई) ने विभिन्न सामान्य सुविधाएं विकसित करने के लिए 1000 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता के साथ हिमाचल प्रदेश में पार्क स्थापित करने की मंजूरी दी है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश फार्मा फॉर्मूलेशन का मुख्य केन्द्र है। प्रदेश में लगभग 30,000 करोड़ रुपये की वार्षिक एपीआई खपत है और उत्तर भारत में फॉर्मूलेशन के प्रमुख निर्यातकों में शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बैकवार्ड इंटीग्रेशन के माध्यम से एक बेहतरीन बाजार उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री के सशक्त नेतृत्व में प्रदेश में पार्क का निर्माण समयबद्ध पूर्ण किया जाएगा और निवेशकों को हरसंभव सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि इस दौरे सेे जेएनपीसी के सामने आने वाली चुनौतियों को समझने और उनका प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए रणनीतियों का पता लगाने का एक अनूठा अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि आगामी बल्क ड्रग पार्क के परिप्रेक्ष्य में पर्यावरणीय पहलू राज्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
उद्योग मंत्री ने हितधारकों के साथ विस्तृत बातचीत की और उन्हें हिमाचल में बल्क ड्रग पार्क में इकाइयाँ स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने बल्क ड्रग पार्क के मामले पर तकनीकी और गैर-तकनीकी विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की।
प्रतिनिधिमंडल ने जवाहर लाल नेहरू फार्मा पार्क (जेएनपीसी) में मौजूदा कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सुविधा का भी दौरा किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने लौरस प्रयोगशाला के संयंत्र का भी दौरा किया। यह एक विश्व स्तरीय भारतीय बहुराष्ट्रीय फार्मास्युटिकल और जैव प्रौद्योगिकी कंपनी है।
लौरस के उपाध्यक्ष ने अवगत करवाया कि कंपनी कैंसर रोधी, मधुमेह रोधी और प्रति माह 100 टन तक एपीआई उत्पाद तैयार कर रही है।
प्रतिनिधिमंडल ने जेएनपीसी की सभी प्रमुख सुविधाओं का दौरा किया और इससे संबंधित ऑपरेटरों के साथ चर्चा और बातचीत की। दौरे का उद्देश्य प्रमुख सुविधाओं की परिचालन तकनीकियों और प्रयोगशालाओं आदि के संचालन को समझना था। रामकी ग्रुप के अध्यक्ष अयोध्या रेड्डी ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया और बल्क ड्रग पार्क की स्थापना के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार की गंभीरता और प्रतिबद्धता की सराहना की।
जेएनपीसी के एमडी डॉ. पी.पी. लाल कृष्ण ने जेएनपीसी पर एक विस्तृत प्रस्तुति और पार्क के विवरण की जानकारी दी। उन्होंने पार्क में आवश्यकताओं के तकनीकी विवरण के साथ पार्क के संचालन और प्रबंधन पर भी जानकारी प्रदान की।
बैठक के दौरान, एमडी ने सबसे महत्वपूर्ण चुनौती के रूप में अपशिष्ट जल और ठोस अपशिष्ट के उपचार पर प्रकाश डाला, जिसे आगामी बल्क ड्रग पार्क के लिए संबोधित करने और योजना बनाने की आवश्यकता है।
प्रतिनिधिमंडल ने कुछ ऐसे निवेशकों से संवाद किया जिनकी इकाइयां थोक दवा उत्पादन का कार्य कर रही हैं।
प्रतिनिधिमंडल में विधायक चन्द्रशेखर, प्रधान सचिव उद्योग आर.डी. नजीम, प्रबन्ध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एचपीबीडीपीआईएल राकेश कुमार प्रजापति, जल शक्ति विभाग के प्रमुख अभियन्ता विजय कुमार ढटवालिया, अतिरिक्त निदेशक उद्योग तिलकराज शर्मा, जलशक्ति विभाग के अधीक्षण अभियन्ता नरेश धीमान, संयुक्त निदेशक उद्योग अंशुल धीमान और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
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