News portals-सबकी खबर (संगड़ाह) Prime Minister नरेंद्र मोदी द्वारा शिलान्यास के बावजूद लंबित Renukaji Dam के विस्थापितों द्वारा गठित संघर्ष समिति के ने उपमंडल संगड़ाह के सीऊं गांव में Police Force के साथ Enumeration के लिए पंहुची HPPCL Team को फिर से बेरंग लौटाया गया। समिति अध्यक्ष योगेंद्र कपिला ने कहा कि, इससे पूर्व मांगे पूरी न होने पर गत 3 जनवरी से पेड़ों की गिनती जैसे सभी कामों का बहिष्कार किया था, मगर 29 सितंबर को यहां आयोजित बैठक में उर्जा निगम के 2 Director व Project GM ने एक सप्ताह के भीतर मांगों पर गौर करने बारे कहा था जिसके बाद काम शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि, काश्तकारों को सप्ताह भर Landless list में न रखने व GM के अभद्र व्यवहार के बाद यह कदम उठाया गया। Dam की Senear Manager Environment अंचना बिष्ट ने कहा कि, कुछ लोगों द्वारा काम रोके जाने के कारण Police Satation Sangrah से force की मदद लेनी पड़ी। समिति अध्यक्ष योगेंद्र कपिला ने कहा कि, एक सप्ताह से अधिक समय होने के उपरांत भी विस्थापितों की किसी मांग पर गौर नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि, कल ददाहु में हुई संघर्ष समिति की बैठक के बाद समिति पदाधिकारी GM office पहुंचे तो, महाप्रबंधक ने समिति के कानूनी सलाहकार वरुण शर्मा से अभद्र व्यवहार किया। इसके बाद सभी समिति सदस्य कार्यालय से निकल गए। योगेंद्र कपिला ने कहा कि, बुधवार को संघर्ष समिति ने ग्राम सीऊं में चल रही पेड़ों की गिनती को रोक दिया गया। इसके साथ अणू-खुरकन में चल रही Enumeration को भी वहां के लोगों के द्वारा रुकवा दिया गया। उन्होंने बांध प्रबंधन Police से ग्रामीणों को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहा है और ऐसे हथकंडे बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि, महाप्रबंधक की शिकायत पर नायब तहसीलदार संगड़ाह मदनलाल पुलिस बल के साथ ग्राम सियूं पहुंचे, मगर विस्थापित उनकी मांगे पूरी न होने तक काम रोकने पर अड़े रहे। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद शुक्रवार को को संघर्ष समिति के पदाधिकारियों व बांध प्रबंधन के बीच संगड़ाह में SDM की मौजूदगी में समझौता बैठक रखी गई है। इस प्रकरण के दौरान संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिला के अलावा प्रताप तोमर, संजय चौहान, हरिश्चंद्र शर्मा, जयप्रकाश शर्मा, टीकाराम शर्मा, कृष्ण चंद्र, शर्मा, बालवीर, सुरेंद्र सिंह, रघुवीर सिंह व कमलदेव आदि विस्थापितों ने पुलिस प्रशासन के साथ पंहुची टीम को बेरंग लौटाया। उधर SDM संगड़ाह सुनील कायथ ने बताया कि, बांध प्रबंधन व विस्थापित समिति के बीच Meeting को लेकर कल गुरुवार को वह अधिकारिक जानकारी दे पाएंगे। गौरतलब है कि, 1960 के दशक से Budget व राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में लटकी राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना की शिलान्यास 27 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया है और केंद्र सरकार करीब 7,000 करोड़ के इस Project पर 90% Budget खर्च कर रही है। अब विडंबना यह भी है कि, करीब 1000 करोड़ खर्च होने के बावजूद वास्तविक निर्माण कार्य शुरू होना बाकी है। Governor of Himachal भी गत 2 मई को निर्माण स्थल का निरीक्षण कर HPPCL व Sirmaur District Administration को तय समय पर काम पूरा करवाने के निर्देश दे चुके हैं।
Recent Comments