न्यूज़ पोर्टल्स : सबकी खबर
प्रदेश सरकार द्वारा बेहतर शिक्षा व स्कूल की सुविधाओं को मुहैया करवाने के बारे में बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं। लेकिन ये दावे ग्रामीण क्षेत्रों में टांय-टांय फिस्स होते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही हाल गिरिपार क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक पाठशाला सखौली के 40 बच्चे जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण कर रहे है। करीब 9 साल से स्कूल भवन की दीवार गिरी हुई है। लेकिन शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों कोई सुध नही ले रहा है। जिससे लगता हैं कि शिक्षा विभाग किसी बड़े हादसे के इंतजार में है।
गिरिपार के दूरदराज किनराजकीय प्राथमिक पाठशाला सखौली में करीब 40 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते है। शिक्षा विभाग ने करीब 30 वर्ष पहले दो कमरे का एक भवन बनाया था। जिसमें स्कूल के बच्चे बैठ कर शिक्षा ग्रहण करते है। बताया जा रहा है की 9 साल पहले स्कूल के पास गांव के एक व्यक्ति ने खेत बनाने का काम शुरू किया था। जिस कारण खेत से निकलने वाले बड़े बड़े पत्थरों से स्कूल के भवन की एक तरफ की दीवार गिरकर धाराशायी हो गई। भवन का छत हवा में ही लटका हुआ है। इसके साथ दूसरे कमरे की स्थिति भी ठीक नहीं है। विभाग एक कमरे में ही 40 बच्चों को बिठा रहा है, जो कभी भी गिर सकता है। स्कूल की तरफ से 18 मई 2010 को रिपोर्ट भेजी गई थी लेकिन शिक्षा विभाग इस और ज्यादा गंभीर नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग किसी बड़े हादसे के इंतजार में बैठा है।
*कई बार भेजी गई उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट: स्कूल प्रभारी*
न्यूज पॉर्टल्स: सबकी खबर ने जब राजकीय प्राथमिक पाठशाला सखौली के प्रभारी अनुराधा चौहान से बात की तो उन्होंने कहा की स्कूल की तरफ से कई बार उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेज गई।है। अभी तक इस पर कोई कारवाई नहीं हो पाई है।
उधर, शिक्षा खंड सतौन के बीपीईओ सुंदर सिंह ने बताया की इस बारें में कोई सूचना नहीं है। फिर भी, इस स्कूल से रिपोर्ट मंगवाकर इस पर तुरंत कारवाई की जायेगी। जिससे समस्या का समाधान ही सकें।
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