News portals -सबकी खबर (नौहराधार) लोइया सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र में रहने वाले हाटी समुदाय की पारंपरिक पहनावा है। लोइया हाटी संस्कृति की पहचान है। यूं तो गांव में भी कई लोग खुद ही इस पोशाक को तैयार करते है मगर हरिपुरधार के टेलर रण सिंह को लोइए तैयार करने में खास महारत हासिल है। रण सिंह पहले आम कपड़े सिलते थे मगर उनके पास लोईए सिलने की भी मांग आने लगी। उनके बनाए लोइय को लोगो को खूब पसंद आने लगे और मांग इतनी बढऩे लगी कि उन्होंने आम कपड़े को सिलना ही बंद कर दिया। रण सिंह पिछले डेढ़ दशक से भी अधिक समय से अब लोइए सिलने का ही काम कर रहे है। रण सिंह ने बताया कि उनके पास केंद्रीय हाटी समिति की और से 10 लोइयेे तैयार करने की मांग आई है। यह लोइए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वशिष्ठ नेताओ को भेट किए जाने है। उन्होंने बताया कि लोइयों को तैयार करने के लिए कुल्लू से खास कपड़ा मगाया गया है।रण सिंह द्वारा तैयार किए जाने वाले लोइयो की सिरमौर जिले के अलावा शिमला जिले में भी भारी मांग है। सिरमौर जिले में शिलाई पावटा साहिब गत्तधारए राजगढ़ व नौहरधार क्षेत्र के अलावा राजधानी शिमला व शिमला जिले के जुब्बलए कोटखाईए रोहडू चौपाल व पुलवाहल से लोइयों की काफी मांग रहती है। रण सिंह ने बताया कि गिरिपार क्षेत्र को एसटी का दर्जा मिलने के बाद केंद्रीय हाटी समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताने की योजना बनाई है। हाटी समिति प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व अन्य कई वशिष्ठ नेताओ को भेट स्वरूप लोइए भेट करेंगे। केंद्रीय हाटी समिति के महासचिव कुंदन शास्त्री ने बताया कि दिल्ली में प्रधानमंत्री व अन्य केंद्रीय नेताओं को भेट स्वरूप जो लोइये भेट किए जाने है उन्हे हरिपुरधार के टेलर रण सिंह तैयार कर रहे है। गौरतलब है कि गिरिपार क्षेत्र में लोइयों की मांग काफी रहती है। इसकी किमते 1500 रुपए से शुरू होती है। कुल्लू मंगाए जाने वाले कपड़े से बना लोइयां 3500 से 4000 तक मिलता है। जबकि कुल्लू के खास ऊनी कपड़े से तैयार लोइये की कीमत पांच हजार रुपए है।
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