News portals -सबकी खबर (शिमला) दीपों के त्योहार से मनाए जाने वाला पर्व दीपावली को मिट्टी के दीपकों से घरों को सजाकर मनाया जाता था, लेकिन अब मिट्टी के दीपक बाजारों से गायब ही हो गए हैं। हालांकि बाजारों में लोगों की डिमांड भी है, लेकिन मिट्टी के दीपक बेचने वाले कारोबारियों का कहना है कि हर साल मिट्टी के दीपकों की डिमांड कम हो रही है। चुकीं मिट्टी के दीपकों की जगह अब इलेक्ट्रिकल दीपकों ने ले ली है, जिससे मिट्टी संबंधी कारीगरों के रोजगार पर भारी घाटा पहुंच रहा है। मिट्टे से बने दीपक काफी सस्ते दामों पर मिल रहे हैं। बाजार में मिट्टी के छोटे 12 दीये 20 रुपए के मिल रहे हैं, मिट्टी का एक बड़ा दीया 20 रुपए का मिल रही है। इसके अलावा दीयों का सेट भी बेचने के लिए सजाया गया है। दीये का सेट 100 रुपए में मिल रहा है।वहीं, सात से आठ बत्ती वाले दिए 200 रुपए में मिल रहे हैं, जबकि अन्य हाथों से डिजाइन किए गए दीये 50 व 100 रुपए में मिल रहे है। इसके साथ-साथ लाइटों वाले दिए 240 रुपए प्रति पैकेट के हिसाब से बिक रहे हैं। इसमें 12 दीये शामिल हैं। मिट्टी के दीयों के दाम भी कम हैं। ऐसे में कई लोग मिट्टी के दीयों को खरीदना पसंद कर रहे हैं। भले ही मिट्टी के दीपक काफी सस्ते हैं, लेकिन लोग ऑनलाइन इलेक्ट्रिकल दीपक ही खरीद रहे हैं। वहीं, लोग मोमबत्ती का इस्तेमाल भी करते हैं। मोमबती के दाम पिछली साल के दामों से दो गुना बढ़ गए हैं। मोमबती के दाम पिछली साल 20 रुपए से 100 रुपए तक थे, लेकिन इस बार यह दाम दो गुना हो गए हैं। इस बार 20 रुपए वाला पैकेट 40 रुपए का हो गया है। बुधवार को लोअर बाजार में लोगों की खासी भीड़ देखने को मिली। इस बार एक तरफ जहां कई लोग आर्टिफिशल दीयों को खरीद रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग आज भी मिट्टी के बने दीयों को पसंद कर रहे हैं। किसी भी पूजा में दीपक अहम भूमिका निभाता है। दिवाली के पर्व पर पूजा करने के लिए भी मिट्टी का दीपक जलाया जाता है। ऐसे में बाज़ारों में मिट्टी से बने दिए बेचने के लिए सजाए गए हैं। लोगों ने दीयों की खरीददारी करना शुरू कर दिया है। इसमें मिट्टी के छोटे से लेकर बड़े दिए शामिल है। दीयों को आकषर्क बनाने के लिए इस परसुंदर कलाकारी की गई है। इन दियों के दाम भी अलग-अलग हैं।
सस्ते नहीं, महंगे दीपक खरीद रहे लोग
दिवाली के त्योहार के लिए दीपक ही अहम महत्त्वता होती है। ऐसे में लोग इलेक्ट्रिकल दीपकों से घरों को सजा रहे हैं। भले ही मिट्टी के दीपक काफी सस्ते हैं। बावजूद इसके भी लोग महंगे इलेक्ट्रिकल दीपक खरीद रहे हैं, लेकिन शिमला के बाजारों के अलावा ऑनलाइन ही लोग खरीददारी कर रहे हैं जिससे शहर के कारोबारियों को भारी नुकसान हो रहा है। बाजारों में भीड़ तो बहुत है, लेकिन कारोबारियों की सेल पर गहरा असर पड़ा हुआ है। बाजारों में भीड़ तो बहुत है, लेकिन लोग बाजारों से सामान ही नहीं खरीद रहे हैं। लोग ज्यादातर ऑनलाइन ही खरीददारी कर रहे हैं। ऑनलाइन सुविधाओं ने कारोबारियों का कारोबार ठप कर दिया है |
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