News portals-सबकी खबर (कांगड़ा ) पराली से परेशान पड़ोसी राज्य पंजाब और दिल्ली की समस्या का समाधान अब हिमाचल बता रहा है। आपको बता दे की पंजाब में पराली जलाई जाती है, जिससे दिल्ली की सांसे फूल जाती हैं। ऐसे में हिमाचल के किसानों ने इसका बड़ा समाधान सुझाते हुए कहा कि यदि पड़ोसी राज्य अपनी पराली योजना से हिमाचल के किसानों तक पहुंचा दे, तो बड़ा समाधान निकल आएगा। हिमाचल के किसान हर वर्ष धान की खेती तैयार होने के बाद पशुचारे के लिए पराली खरीदते हैं। ऐसे में यदि उन्हें नि:शुल्क पराली मिल जाए, तो सर्द मौसम में उनके लिए यह वरदान होगा। पहाड़ मेंं जब खेत सूखे होते हैं और हरा चारा नहीं होता है, तो पशुचारे की बड़ी समस्या गहरा जाती है। ऐसे में किसान सूखे घास पर निर्भर होते हैं। उस समय पराली बहुत काम आती है। घरेलु पशुओं ही नहीं, इन दिनों पहाड़ की पशुशालाओं में हजारों की संख्या में पशु रह रहे हैं। संबंधित जिला प्रशासन को भी इन पशुओं को चारा पूरा करना भी मुश्किल बन जाता है। ऐसे में यदि पंजाब हिमाचल को पराली मुहैया करवा दे, तो पंजाब और दिल्ली दोनों राज्यों की समस्या का समाधान हो जाएगा। इतना ही नहीं, इससे हिमाचल के पशुओं को भी सूखे मौसम में चारा मिल पाएगा। किसानों का कहना है कि जब हरा चारा नहीं मिलता है, तो पशुओं को घास पूरा करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यदि प्रदेश सरकार पड़ोसी राज्य से इस मामले में बातचीत करे और पराली मिल जाए, तो घरेलु पशुओं ही नहीं गौशालाओं में रखे पशुओं को भी चारा मिल पाएगा। सूखे के दौरान पशुशालाओं में कई बार पशुओं को चारा न मिलने पर उनकी मृत्यू के समाचार भी मिलते हैं। उधर, कृषि एवं पशुपालन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार का कहना है कि पहाड़ में गुजर समुदाय के लोग अपने पशुओं के लिए पराली का प्रयोग करते हैं, लेकिन पंजाब की पराली को बहुत पोषक नहीं माना जाता है, ऐसे में इसकी गुणवत्ता व आवश्यक्ता को देखकर ही कुछ बात की जा सकती है।
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