News portals-सबकी खबर (धर्मशाला ) मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में दो टूक कहा है कि हिमाचल प्रदेश में जो सरकार की शर्तों पर काम करेगा, उसे ही बिजली परियोजनाएं दी जाएंगी। प्रदेश में पनबिजली परियोजनाओं के लिए भी नीति को बदला जा रहा है। मुख्यमंत्री ने वाटर सेस से प्रदेश की आमदनी बढ़ाने के रास्ते में केंद्र सरकार की ओर से रोड़ा डाले जाने पर कहा कि अच्छा होगा कि जयराम ठाकुर नई दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से मिलें और इस विषय पर हिमाचल के हितों की बात करें। सरकार इस संबंध में किसी भी तरह का श्रेय नहीं लेना चाहती। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में भी भाजपा की सरकारें हैं। वहां पर वाटर सेस का विरोध नहीं हो रहा है। 2024-25 से पहले 500 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं को लगाया जाएगा। पंद्रह दिनों के अंदर 17 जगहों पर चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे।नवीकरणीय ऊर्जा पर कांग्रेस विधायक चैतन्य शर्मा की ओर से लाई गई चर्चा के पूरा होने के बाद अपने जवाब में सुक्खू ने मंगलवार को सदन में कहा कि 42 परियोजनाओं को अगले जून माह तक लगा दिया जाएगा। 25 मेगावाट की तीन परियोजनाएं अवार्ड होने की स्थिति में हैं। 50 मेगावाट के एक अन्य प्रोजेक्ट पर भी काम हो रहा है। सरकार ने युवाओं को भी एक ऑफर दिया है कि तीन बीघा जमीन देने पर उन्हें मासिक 20,000 रुपये सरकार देगी। वहां सोलर परियोजनाएं लगाई जाएंगी। प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन पैदा करने पर भी काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सौर ऊर्जा की सबसे बड़ी परियोजना को वर्तमान सरकार ने ही लाया है। सरकार ने सत्ता में आने के चार महीने में ही सबसे बड़ी परियोजना को लाया है। अब आने वाले छह महीने में दूसरी बड़ी परियोजना को भी ला रहे हैं। प्रदेश में ई-वाहनों पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे हिमाचल प्रदेश की बिजली पर करोड़ाें रुपये की लागत की बचत होगी। सर्दियों में इससे बिजली की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा।
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