News portals-सबकी खबर (संगड़ाह) भारत सरकार द्वारा 1960 के दशक में British Whig Politician थॉमस मैकाले द्वारा बनाए गए IPC की जगह लाए जा रहे भारतीय न्याय संहिता कानून में Road Accidental Death के दोषी को 10 साल की सजा व 7 लाख ₹ जुर्माने के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों में Private Bus व Truck Drivers union द्वारा किए जा रहे Protest का असर Sirmaur District में भी देखा जा रहा है। जिला के शिलाई में कल जहां चालकों द्वारा जहां HRTC Buses व अन्य वाहनों को रोकने दौरान Police से धक्का-मुक्की का मामला सामने आया, वहीं आज रेणुकाजी में Driver Union ने करीब 3 घंटे चक्का जाम किया। सतौन, पांवटा व काला-अंब आदि स्थानों पर भी मंगलवार को दूसरे दिन Private Bus व Truck Drivers के Protest जारी रहे। 1 तरफ जहां चालक सजा कम करने की मांग कर रहे हैं, वहीं हादसों से प्रभावित परिवार व काफी Social Media users Road Accidents को लेकर Government व Supreme Court के सख्त फैसले की सराहना भी कर रहे हैं। प्रमुख आस्था स्थल रेणुकाजी मे संगडाह चौक पर सुबह करीब 10 बजे से बाद दोपहर 1 बजे तक हड़ताली चालकों ने चक्का जाम किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इस कानून को वापस लिए जाने की मांग की। उन्होंने Road Block करने के लिए सड़क पर वाहन आढ़े तिरछे खड़े कर यातायात पूरी तरह से ठप्प कर दिया और दो पहिया वाहनों को भी नहीं निकलने दिया। सड़क पूरी तरह बंद होने से परेशान यात्रियों तथा रेणुकाजी व भगवान परशुराम के दर्शनों को आने वाले श्रद्धालुओं ने Social Media के माध्यम से सरकार व Sirmaur Administration से यातायात बहाल करवाने की appeal भी की। आवाम ने Patrol Pump में पेट्रोलियम पदार्थों की सीमित मात्रा में विक्रय के निर्देश दे चुके DC सिरमौर से भी कल से जाम न लगने देने व पेट्रोल डीजल की सुचारू व्यवस्था की अपील की। DSP संगड़ाह मुकेश डडवाल ने बताया कि, चालकों को समझाने के बाद यातायात बहाल करवा दिया गया था और सरकारी बसें भी चल पड़े हैं। चौक पर जाम व प्रदर्शन के दौरान ददाहू से रेणुकाजी, सतौन व संगड़ाह सभी मार्ग को अवरुद्ध रखा गया, जिसके चलते स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। निजी बस व ट्रक चालक संघ पदाधिकारियों का कहना है कि, जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जाता, उनका संघर्ष जारी रहेगा।
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