News portals-सबकी खबर (एजेंसी -अयोध्या) रामनगरी अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर के गर्भगृह में शुक्रवार सुबह आसन पर विराजमान रामलला विग्रह की मनमोहक श्यामल प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अनुष्ठान की प्रक्रिया देश भर से पधारे 121 प्रकांड विद्वानों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शुरु की। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जोर-शोर से चल रही तैयारियों के बीच शुक्रवार को रामलला की पूर्ण तस्वीर सामने आई है। रामलला की मूर्ति देखने में अद्भुत है। चेहरे पर मुस्कान भगवान राम की विनम्रता और मधुरता के बारे में बताती है। पहली नजर में रामलला की यह मूर्ति देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देती है। आस्था और अध्यात्म की झलक इस मूर्ति से झलकती है, जो पहली ही नजर में राम भक्तों को आकर्षित करती है।भगवान राम के मस्तक पर लगा तिलक सनातन धर्म की विराटता को दर्शाता है, जो देखने वालों को भक्ति की एक अलग दुनिया में ले जाता है। मूर्ति में ऊं, गणेश, चक्र, शंख, गदा और स्वास्तिक की आकृति बनी हुई है। नीले-श्यामल रंग के पत्थर से बनी मूर्ति में रामलला का विहंगम रूप दिखाई दे रहा है। रामलला के चारों तरफ आभामंडल है। सिर पर सूर्य बना हुआ है। दाहिना हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में है। आभामंडल में नीचे हनुमानजी की मूर्ति उकेरी गई है। भगवान विष्णु के 10 अवतार और सनातन धर्म के प्रतीक चिह्न बनाए गए हैं।
लखनऊ। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर रोक लगाए जाने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फौरन सुनवाई से इनकार कर दिया है। हाई कोर्ट ने अर्जेंसी बेसिस पर इस जनहित याचिका पर सुनवाई से किया इनकार किया है। शनिवार और रविवार को छुट्टी होने की वजह से जनहित याचिका अब औचित्यहीन हो गई है।
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