News portals-सबकी खबर (ऊना ) मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला ऊना के गगरेट विधानसभा क्षेत्र के तहत बड़ा भंजाल में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की और जन समस्याएं सुनी। कार्यक्रम के दौरान कुल 122 शिकायतें व मांग पत्र प्राप्त हुए।मुख्यमंत्री ने गगरेट में डीएसपी कार्यालय, दौलतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को नागरिक अस्पताल बनाने, भंजाल स्टेडियम के लिए 50 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जमीन उपलब्ध हो जाने के बाद गगरेट में कॉलेज खोला जाएगा। जिला ऊना में राजस्व लोक अदालतों में इंतकाल के 3713 तथा तकसीम के 1107 लंबित मामले निपटाए गए हैं। इसके अतिरिक्त आपदा के दौरान जिला में 55 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए, जबकि 298 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को अब तक 4.10 करोड़ रुपये की सहायता राशि वितरित गई है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत जिला ऊना में 238 ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ को 25.18 लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि गगरेट विधानसभा क्षेत्र के तहत जीतपुर बेहड़ी में 175 करोड़ रुपये की लागत से इथेनॉल प्लांट लगाने के लिए हिन्दुस्तान पैट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के बातचीत चल रही है। इस संयंत्र के स्थापित होने सेे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तथा क्षेत्र का विकास होगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्र से बहुत से युवा फौज में सेवा जाने के इच्छुक रहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार अग्निवीर योजना लेकर आई, जिसमें चार वर्षों की सेवा के बाद 75 प्रतिशत युवाओं को घर वापिस भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में प्रदान किए गए 21 परमवीर चक्रों में से हिमाचल प्रदेश के वीरों से चार परमवीर चक्र जीत कर राज्य को गौरवान्वित किया है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने की है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन का संकल्प लेकर पुराने कानूनों को बदला जा रहा है क्योंकि सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति को लाभान्वित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि आज प्रति व्यक्ति कर्ज 1.02 लाख रुपये हो गया है, लेकिन राज्य सरकार इस चुनौती का मजबूती के साथ सामना कर हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जब कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी तो प्रदेश की वित्तीय स्थिति खराब थी लेकिन सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप एक वर्ष में अर्थव्यवस्था में 20 प्रतिशत तक सुधार आया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने एक साल में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है तथा शराब ठेकों की नीलामी से 850 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय प्राप्त की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक बदहाली के बावजूद कैबिनेट की पहली ही बैठक में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की गई है। उन्होंने कहा कि राजस्व मामलों में पहले तारीख पर तारीख मिलती थी, लेकिन राज्य सरकार ने नियम बदल दिए और प्रदेश में अब तक इंतकाल के 65 हजार और तकसीम के 4 हजार से अधिक मामलों का निपटारा किया गया है। यह आम लोगों की परेशानियों को दूर करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि कभी नहीं सोचा था कि हिमाचल प्रदेश को इतिहास की सबसे बड़ी आपदा का सामना करना पड़ेगा, जिसमें 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने स्वयं ग्राउंड जीरो पर रहकर आपदा के दौरान राहत, बचाव और पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया। आपदा के दौरान पर्यटकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई, जिसकी सराहना पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, नीति आयोग तथा वर्ल्ड बैंक ने भी की। यह राज्य सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति थी कि आपदा की चुनौती को युद्ध की तरह लड़ा गया और 48 घंटों में आवश्यक सेवाओं को अस्थाई रूप से बहाल किया। वहीं भाजपा नेता राजनीति करने में लगे रहे। तीन दिन तक विधानसभा सत्र के दौरान आपदा पर चर्चा हुई, लेकिन राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के संकल्प का भाजपा ने समर्थन नहीं किया। हमने हिमाचल के आपदा प्रभावितों के लिए भाजपा नेताओं से विशेष राहत पैकेज की मांग को लेकर केंद्र सरकार के पास चलने को कहा लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। आप भाजपा के तीन सांसदों से पूछिए, आपदा के समय आप कहां गुम हो गए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की सोच हर प्रभावित परिवार को बसाने की थी, इसीलिए आम आदमी का टूटा हुआ घर बसाने के लिए कानून बदल दिया और अपने सीमित संसाधनों से कुल 4500 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया। आपदा के दौरान पूरी तरह से मकान क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजे को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। इसके अतिरिक्त, उन्हें सरकारी दरों पर सीमेंट तथा बिजली व पानी का फ्री कनेक्शन भी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया तथा दस माह में इस योजना को धरातल पर उतारा गया। वर्तमान राज्य सरकार ने देश का पहला कानून बनाया और मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना आरम्भ की, जिसके तहत 27 वर्ष की आयु तक उनकी देखभाल, उनकी उच्च शिक्षा तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहायता देगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना आरम्भ की गई है, जिसके तहत विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए 20 लाख रुपये तक का ऋण एक प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध करवाया जा रहा है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार विभिन्न सरकारी विभागों में 21,000 भर्तियां करने जा रही है। युवाओं को सरकारी रोजगार प्रदान करने के साथ-साथ स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के भी राज्य सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के पहले चरण के तहत ई-टैक्सी योजना शुरू की गई है। राज्य सरकार ई-टैक्सी की खरीद के लिए युवाओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान कर रही है तथा उन्हें निश्चित आय भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने के लिए भी राज्य सरकार आर्थिक मदद प्रदान करेगी और 25 वर्ष तक उनसे बिजली की खरीद करेगी, ताकि उन्हें निश्चित आय मिल सके। इसके अतिरिक्त शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बड़े बदलाव किए जा रहे हैं, ताकि लोगों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो सकें।
विधायक चैतन्य शर्मा ने गगरेट विधानसभा क्षेत्र में विकास गति को तेज करने के लिए मुख्यंमत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया। उन्होंने क्षेत्र के लिए तीन परियोजनाओं के शिलान्यास करने के लिए भी मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होेंने कहा कि मिनी सचिवालय बनने से क्षेत्र के लोगों को एक ही छत्त के नीचे सभी सुविधाएं प्राप्त होंगी। राज्य सरकार ने पहली ही कैबिनेट में पुरानी पेंशन स्कीम लागू की। यही नहीं, अनाथ बच्चों के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना आरम्भ की है और युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
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