News portals -सबकी खबर (कुल्लू) यह मेले सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। इतिहास में पहली बार जिला कुल्लू में बर्फ के मेले दिख रहे हैं। कहीं पर युवा बर्फ के बीच नाचते दिख रहे हैं तो कहीं पर बुजुर्ग महिला और पुरुष चोला-टोपी, पट्टू में सजकर नाटी डाल रहे हैं। इस बार बर्फ की खुशी में नाटी का आयोजन जिला कुल्लू के गांवों-गावों में किया जा रहा है। जिस तरह से मेलों में कुल्लवी चोला-टोपी और कुल्लू पट्टू रूमाल पहनकर महिलाएं नाटी डालते दिखते थे, उसी तरह बर्फ की खुशी में कुछ यूं मेलों जैसे पल देखने को मिल रहे हैं।
बर्फबारी पर पहली बार मनाई खुशी
जिला कुल्लू के सबसे दुर्गम गांव शाक्टी-मरोड़ के लोग अकसर बर्फ से हर वर्ष तंग होते थे, लेकिन इस बार यहां के लोग बीते दिनों हुई बर्फबारी से बेहद खुश दिख रहे हैं। क्योंकि इस इलाके के ऊंचे पहाड़ों में 12 महीने रहने वाली बर्फ भी सूखे के चलते खत्म हो गई थी और क्षेत्र बिल्कुल सूखा हो गया था। वहीं, अब बर्फ पडऩे से लोग बेहद खुश हैं। इस खुशी में यहां के बुजुर्ग पुरुष और महिलाओं ने कुल्लवी पहनावे के साथ दो फुट बर्फ के ऊपर कुल्लवी नाटी डाली। इस पहनावे से जहां बुजुर्गों ने बर्फ की खुशी जाहिर की तो वहीं कुल्लवी संस्कृति की पहचान को हाड कपां देने वाली ठंड में बताया। जानकारी के अनुसार जिला कुल्लू की सैंज घाटी के शैंशर कोठी के शाक्टी में 25 इंच बर्फ गिरी है। यहां पर बर्फबारी होने की खुशी में कुल्लवी नाटी डाली। वहीं, नाटी में नाग देवता के गूर तेजा ठाकुर का गीत प्रस्तुत हुआ और काफी देर तक इस गीत पर नाटी में बुजुर्गों संग युवा भी थिरके।
शाक्टी, मरोड़, शुगाड़ व कुटला में गायब थी बर्फ
शाक्टी, मरोड़, शुगाड़, कुटला की पहाडिय़ों में 12 महीने बर्फ रहती थी, लेकिन इस बार गायब थी। अब बर्फ की सफेद चादर से पूरी घाटी चमक रही है। शैंशर कोठी के ग्राम पंचायत देऊरीधार के तुंग गांव में भारी बर्फबारी से भले ही जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लेकिन सूखा पडऩे के बाद हुई बर्फबारी से ग्रामीण बेहद खुश हैं। यहां पर पिछले दो-तीन दिनों से हर दिन कहीं न कहीं एक फुट बर्फ के बीच नाचते हुए लोग दिख रहे हैं। यहां पर रेशमा देवी व उनकी पूरी टीम ने कुल्लवी पहनाने के साथ बर्फ की खुशी द्वारा कुल्लवी नाटी आयोजित की गई। जिसमें नरपत ठाकुर ने भी उस नाटी में सहयोग दिया, जो तुंग गांव हैं। यहां पर लगभग एक फुट से ज्यादा बर्फ पड़ी है। इस बार बर्फ की खुशी हर जगह मनाई जा रही है। इस बात तो कुल्लवी पहनावे के साथ बर्फ पर नाटी डाली जा रही है। जो पहली बार आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
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