News portals-सबकी खबर (नाहन) आउट्सॉर्स कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष एवं महासचिव राजेश चौहान ने मीडिया को बताया कि विभिन्न विभागों में लगभग पन्द्रह से बीस (15-20)सालों से अपनी सेवाएं दे रहे विभिन्न आउटसोर्स कर्मियों को वर्तमान बजट सत्र से निराशा ही हाथ लगी है जिसमें प्रदेश सरकार ने मात्र 25 रूपए जो कि किसी भी तरह से तर्कसंगत नहीं है जबकि पिछले शीतकालीन सत्र धर्मशाला में आऊटसोर्सिंग कर्मियों ने सरकार के समक्ष तीन सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था, जिसमें सरकार अभी तक कोई गौर नहीं किया जिसमें सबसे पहले
**नोकरी की सुरक्षा*,
*समान काम का समान वैतन विचोलियो को बाहर करना*, परन्तु सरकार ने कोई भी माग हमारी पूरी नहीं की, जिससे प्रदेश के तमाम आउटसोर्स कर्मियों में भारी आक्रोश और मन में पीड़ा है , हमें आज अपने कार्यक्षेत्र में काम करते करते दशकों हो चुकें हैं, और हमारे विभाग में अधिकांश क्लास थर्ड और फोर्थ (class -3rd &4th )कर्मी सेवाएं दे रहे हैं इस प्रकार भविष्य में हमें मजबूरन सरकार के खिलाफ आन्दोलन का रुख़ तैयार करना पड़ेगा जैसा कि वर्तमान में *एसएमसी शिक्षकों ने काम छोड़कर अनेकों दिनों से क्रमिक अनशन और आन्दोलन का रास्ता अपनाया* है तो मजबूरन हमें भी इसी राह पर चलने को मजबूर ना करें सरकार,हम जल्द ही *हिमाचल प्रदेश आऊटसोर्स कर्मियों की प्रदेश स्तरीय बैठक और रणनीति पर विचार करेंगे* विभिन्न सरकारों ने हमें मात्र और मात्र आश्वासन ही दिया है इसलिए आज मिडिया बन्धुओं के माध्यम से सरकार को आगाह करना चाहेंगे कि अगर सरकार जल्द हमारे लिए स्थायी नीति नहीं लाती तो हम मजबूरन काम छोड़कर,परिवार सहित, सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे जबकि हमने आज तक कभी भी काम छोड़कर आन्दोलन नहीं किया ,इस प्रकार विभिन्न विभागों में कार्यरत आऊटसोर्स कर्मियों का काम छोडो असर विभिन्न विभागों में देखने को भी मिलेगा,जिसकी जिम्मेवार वर्तमान प्रदेश सरकार होगी।हम इस आन्दोलन को और सार्थक बनाने के लिए भावी योजना जल्द प्रदेश स्तरीय सुनियोजित तरीके से तैयार करेंगे।
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