News portals-सबकी खबर (शिलाई) जलशक्ति उपमण्डल रोनहाट के अंतर्गत आने वाली भंगाल खाला से नैनीधार उठाऊ पेयजल परियोजना को लगभग 6 पंचायतों की पेयजल आपूर्ति की दृष्टि से बनाया गया है, दशकों पहले बानी इस परियोजना से हर पंचायतों में बने आईपीएच के मुख्य सप्लाय टैंकों को जोड़ा गया है, जिसमे नैनीधार, लोजामानल, शंखोली, झकाण्डो व धारवा पंचायत आती है, लैकिन विद्युत वोल्टेज कम होने के कारण केवल कुछ ही भागों तक पानी पहुँच रहा है जबकि अधिकांश दर्जनों स्कूल व गांवों तक परियोजना के लोकार्पण से अब तक एक बार भी पानी नही पहुँच पाया है ।
जानकारी के अनुसार लगभग एक दशक पूर्व बनी भंगाल खाला से नैनीधार उठाऊ पेयजल परियोजना पर करोड़ों खर्च करके हर पंचायत तक पाईप लाइन बिछाई गई है, जिससे सभी गांव व दर्जनों स्कूलों को पेयजल सप्लाई टैंकों के साथ जोड़ा गया है, परन्तु ग्राम पंचायत नैनीधार, रास्त लोजामानल, शाखोली व झकाण्डो के कुछ ही गांव तक दूसरे, तीसरे दिन पानी की सप्लाई मिल पा रही है, जबकि ग्राम पंचायत धारवा को परियोजना के लोकार्पण से अब तक एक मर्तबा भी पानी की सप्लाई नही मिली है,जिसके कारण हजारों लोग व हजारों स्कूली छात्रों को पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ता है।
सालों से ग्रामीणों को झेलनी पड़ रही है पेयजल समस्या, गर्मियों में रहती पानी की बड़ी किल्लत
स्थानीय ग्रामीणों की माने तो गर्मियों में पानी की भारी किल्लत हो जाती है, क्षेत्र के अंदर प्राकृतिक सोर्स में पानी अभी से कम हो गया है, गर्मियां आते आते सभी सोर्स खत्म हो जाते हैं, स्कूली बच्चों सहित हजारों लोग पानी ना मिलने से बेहद परेशान रहते है, हर रोज पालतू पशुओं को कई किलोमीटर दूर नदी तक ले जाना पड़ता है, उठाऊ पेयजल परियोजना से पानी न मिलने से स्कूल व गांव में पीने का पानी गाडीयों से ढोने को मजबुर है, समस्या की शिकायत पर जलशक्ति विभाग व विद्युत विभाग एक दूसरे विभाग की कमियां गिनाती नजर आ रही है।
जलशक्ति कनिष्क अभियंता ने कम वोल्टेज को बताया पेयजल आपूर्ति पूरी न होने का कारण, ट्रांफ़र्मर कनेक्शन की हालत दयनीय
जलशक्ति उपमण्डल रोनहाट कनिष्ठ अभियंता ने बताया कि वोल्टेज कम होने से लिफ्ट मोटर 24 घंटे में केवल कुछ ही घंटे चल पाती है, पॉवर हाउस में लगी मोटर को चलाने के लिए 400V से ज्यादा आपूर्ति की आवश्यकता होती है, जबकि दिन के अधिकांश समय में बिजली का लोड केवल 370v तक ही रहता है, जबकि पावर हाउस से सैकड़ो मीटर ऊपर लगे ट्रांसफार्मर की हालत दयनीय बनी हुई है, जंफर से निकले कनेक्शन व फ्यूज कैंनेक्शन की हालत भी दयनीय बानी हुई है, पम्प को चलाने के लिए स्टेबलाइजर व पावर मॉनिटरिंग पैनल जैसे आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, लैकिन इसके बाबजूद भी बार बार विद्युत सप्लाय फ्यूज उड़ जाता है, जहाँ कोई विद्युत कर्मी नही पहुचता, रात को कई मर्तबा पम्प हाउस से लगभग 400 मीटर पहाड़ी चढ़ कर पंप ऑपरेटर को फ्यूज जोड़ना पड़ता है।
उधर ,विद्युत उपमण्डल शिलाई के सहायक अभियंता शिवम डोगरा ने बताया कि विद्युत वोल्टेज में किसी भी प्रकार की कोई कमी नही है, बल्कि जलशक्ति विभाग ने पावर कंट्रोलर पैनल नही लगाए हैं, पम्प में लगी मोटरें ओवर लोड पर चलाने से बार बार फ्यूज उड़ने से कट लगने की समस्या आ रही है।
बता दे कि आईपीएच विभाग ने वह सभी उपकरण पम्प हाउस में लगये है, जिनकी स्क्रीन पर साफ तौर पर कम वोल्टेज की राइडिंग पड़ी जा सकती है, जिससे प्रतीत होता है कि विद्युत अधिकारी समस्या को हल करने की जगह टाल मटोल करते नजर आ रहे हैं।
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