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हिमाचल के शिक्षामंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि इस बार हिमाचल सरकार के दिशा निर्देश अनुसार हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने हजारों बच्चों का एक साल बचाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। मार्च-2019 की वार्षिक परीक्षाओं में दो पेपरों में फेल अभ्यर्थियों को जून माह में परीक्षा देने का मौका मिलेगा। 10वीं और 12वीं में दो पेपरों में फेल अभ्यर्थी भी जून में होने वाली परीक्षाओं में बैठ सकेंगे। भारद्वाज ने कहा कि इस फैसले से जहां हिमाचल के हजारों छात्रों को एक साल बचाने का मौका मिलेगा और जो किसी कारण वश परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नही कर पाए उन्हें अगली कक्षा में जाने का सुनहरा मौका दिया गया है।
इन परीक्षाओं में जो छात्र मार्च में हुई कंपार्टमेंट के दूसरे चांस की परीक्षा में फेल हुए थे उन अभ्यर्थियों को भी गोल्डन चांस दिया गया है। दो चांस में कंपार्टमेंट न तोड़ पाने वाले अभ्यर्थी भी जून में होने वाली परीक्षा में बैठ सकते हैं। बोर्ड शीघ्र ही जून में होने वाली वार्षिक परीक्षाओं को आवेदन करने सहित इसका शेड्यूल भी जारी कर देगा।
भारद्वाज ने कहा कि इस बार रिकॉर्ड समय मे बोर्ड ने बोर्ड कक्षाओं के रिजल्ट को समयसीमा में घोषित किया है जिसमे राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड की मार्च-2019 में हुई मैट्रिक की परीक्षा में 1,11,980 परीक्षार्थी बैठे थे। 10वीं की परीक्षा में 67,319 ही पास हुए, जबकि 6,395 परीक्षार्थी कंपार्टमेंट और शेष करीब 38,266 बच्चे फेल घोषित हुए। इसके अलावा 12वीं में 95,492 परीक्षार्थियों में से 58,949 परीक्षार्थी पास घोषित हुए।
12वीं में 16,102 को कंपार्टमेंट और करीब 20,441 परीक्षार्थी फेल घोषित हुए। बोर्ड के इस फैसले से फेल और कंपार्टमेंट के अंतिम चांस में भी पास न होने वाले हजारों परीक्षार्थियों का एक साल बचेगा। भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल सरकार ने बोर्ड के अधिकारियों को आदेश दिए थे कि बच्चो को गोल्डन चांस पर जल्दी फैसला लिया जाए और प्रदेश के हजारों बच्चो के भविष्य को बचाने और कीमती साल को बचाने के आदेश जारी कर जल्दी से परीक्षा करवाने का फैसला ले। हिमाचल सरकार के दिशा निर्देश अनुसार प्रदेश में पहली बार इस प्रकार के फैसले स्कूल शिक्षा बोर्ड ने लिए है जिसके लिए अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी और उनकी पूरी टीम बधाई के पात्र है। इतना ही नही राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड की वार्षिक परीक्षा में दो पेपरों में फेल और कंपार्टमेंट अंतिम चांस में भी पास न होने वाले अभ्यर्थियों का एक साल बचाने के लिए एसओएस के माध्यम से परीक्षा आयोजित करेगा।
शिक्षामंत्री ने कहा कि प्रदेश में कंपार्टमेंट की परीक्षा पहले सितंबर में होती थी जिससे बच्चो को एक साल तक अगली कक्षा में जाने के लिए इंतजार करना होता था। इस बार पहली बार यह परीक्षाएं जून में आयोजित होगी और बच्चे अगली कक्षा में दाखिला ले सकेंगे।
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