न्यूज़ पोर्टल – सबकी खबर (पांवटा साहिब)
5 हजार सालों से योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है. योग न केवल आपके शरीर को रोगों से दूर रखता है बल्कि आपके मन को भी शांत रखने का काम करता है ।
आज शुक्रवार 21 जून को पूरी दुनिया ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया गया । वही पांवटा सहिब के नगर परिषद मैदान में भी सैकड़ों लोगों ने योग दिवस मनाया गया । यह योग दिवस SDAMO सूरज पुर ब्लॉक ड़ॉ यादवेद्र सिंह , तहसीलदार राजकुमार के सौजन्य से किया गया । इस योग दिवस पर सैकड़ों लोगो के साथ मैदान में आएं ड़ॉ दिनेश भाटिय योग चिकित्सक ने लोगो को योग सिखाया व महत्व पर प्रकाश डाला ।
भाटिया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से हुई है । 27 सितंबर 2014 को पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एकसाथ योग करने की बात कही थी । इसके बाद महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और तभी से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अस्तित्व में आया।
आयुर्वेदिक अस्पताल सूरजपुर ब्लॉक के SDAMO ड़ॉ यादवेद्र सिंह ने लोगो को योग की जानकारी देते हुए कहा,क्या कभी आपने सोचा है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है । इसके पीछे भी एक बेहद खास वजह छिपी है।उन्होंने कहा कि 21 जून उत्तरी उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे कुछ लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहकर बुलाते हैं ।
भारतीय परंपरा के अनुसार ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है ।कहा जाता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है । इसी वजह से 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में भी मनाते हैं ।
हिन्दू धर्म, बौध्द धर्म और जैन धर्म में योग को आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाता है। योग मन और दिमाग को तो एकाग्र रखता है ही साथ ही साथ योग हमारी आत्मा को भी शुध्द करता है। योग मनुष्य को अनेक बीमारियों से बचाता है और योग से हम कई बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं। असल में कहा जाते तो योग जीवन जीने का माध्यम है।
दूसरे शब्दों में कहा जाए तो योग मनुष्य को सुख-दुःख, लाभ-अलाभ, शत्रु-मित्र, शीत और उष्ण आदि परिस्थितियों में सामान आचरण की शक्ति प्रदान करता है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में एक स्थल पर कहा है ‘योगः कर्मसु कौशलम’ अर्थात योग से कर्मो में कुशलता आती हैं। वास्तव में जो मनुष्य योग करता है उसका शरीर, मन और दिमाग तरोताजा रहता है और मनुष्य प्रत्येक काम मन लगाकर करता है।
वही तहसीलदार राजकुमार ने बताय की 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था ।पहले योग दिवस पर भारत ने दो शानदार रिकॉर्ड भी बनाए थे। इस दिन पीएम मोदी ने 35 हजार से ज्यादा लोगों के साथ राजपथ पर योग किया था । पहला रिकॉर्ड 35,985 लोगों के साथ योग करना और दूसरा रिकॉर्ड 84 देशों के लोगों द्वारा इस समारोह में हिस्सा लेना ।
हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। इस साल पूरे विश्व में चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। भारत देश में योग दिवस का एक अपना ही अलग महत्व है। योग भारतीय प्राचीन संस्कृति की परम्पराओं को समाहित करता है। भारत देश में योग का प्राचीन समय से ही अहम स्थान है।
वही ड़ॉ दिनेश भाटिय योग चिकित्सक ने योग के दौरान लोगो को योग के सभी प्रक्रियाओं को सिखाया और उसके महत्व पर प्रकाश भी डाला उन्होंने कहा कि योग जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। दूसरी भाषा में हम पतंजलि योग दर्शन में कहा गया है कि – योगश्चित्तवृत्त निरोधः अर्थात् चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ह्रदय की प्रकृति का संरक्षण ही योग है। जो मनुष्य को समरसता की और ले जाता है।
योग मनुष्य की समता और ममता को मजबूती प्रदान करता है। यह एक प्रकार का शारारिक व्यायाम ही नहीं बल्कि जीवात्मा का परमात्मा से पूर्णतया मिलन है। योग शरीर को तो स्वस्थ्य रखता ही है इसके साथ-साथ मन और दिमाग को भी एकाग्र रखने में अपना योगदान देता है। योग मनुष्य में नए-नए सकारात्मक विचारों की उत्पत्ति करता है। जो कि मनुष्य को गलत प्रवृति में जाने से रोकते हैं। योग मन और दिमाग की अशुद्धता को बाहर निकालकर फेंक देता है। योग व्यक्तिगत चेतना को मजबूती प्रदान करता है। योग मानसिक नियंत्रण का भी माध्यम है।
इस मौके पर SDAMO सूरजपुर ब्लॉक ड़ॉ यादवेद्र सिंह ,तहसीलदार राजकुमार, ड़ॉ प्रभाकर मिश्रा स्पेसलिस्ट, डॉ कुलदीप शर्मा, एसमो पांवटा ड़ॉ दिनेश भाटिया टिम्बी योग चिकित्सक ,चंदर मोहन सिंह , ड़ॉ चेतना अग्रवाल , ड़ॉ पूजा, नगर परिषद से बारू राम शर्मा ,प्रतिभ शर्मा कमल प्रीत बाहदुर सिंह, प्रमोद आर्य, रीताआर्य, दून प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्यामलाल पुंडीर गुरुदत्त चौहान, देवेंदर सिंह रेवन्यू , निर्मला नोटियाल,इन्द्रशन गुप्ता, आदि सेकड़ो उपस्थित रहे ।
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