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लेखन….
मैं अध्यक्ष भूतपूर्वक सैनिक संगठन विरेन्द्र सिंह चौहान आप सभी को भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब व शिलाई ईकाई की तरफ से स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देता हूँ । मुझे 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लिखने का मौका मिला है इसमें मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं । आज से ठीक 73 वर्ष पूर्व, हमे आजादी मिली थी । देश की आजादी के संघर्ष की गाथा बहुत बड़ी है और इसका वर्णन कुछ मिनटों में नहीं किया जा सकता है । हर भारतीय के लिए 15 अगस्त का दिन बेहद खास होता है। स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए जो योगदान दिया वो कभी भूलाया नहीं जा सकता । स्वतंत्रता सेनानियों के प्रयासों के कारण ही आज हम आजाद हैं । स्वतंत्रता दिवस न केवल ब्रिटिश राज से भारत की आजादी को दर्शाता है, बल्कि यह इस देश की शक्ति को भी दिखाता है ।
हमारे वीर योद्धाओं ने कई लड़ाइयां लड़ी और उसके बाद जाकर 15 अगस्त 1947 को हमें आजादी मिली । तब से लेकर आज तक, हम हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं । आज हमारा देश तेजी से विकास कर रहा है । देश तेजी से तकनीक, शिक्षा, खेल, वित्त, और कई दूसरे क्षेत्रों में विकास कर रहा है जोकि बिना आजादी के संभव नहीं था । परमाणु ऊर्जा में समृद्ध देशों में एक भारत है । ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स जैसे खेलों में भारत सक्रिय रुप से भागीदार है । आज भारत का गौरव विश्व में और भी ऊंचा हो गया है. भारत में उद्योग बढ़ रहा है और दुनिया भर की कंपनी यहां निवेश कर रही हैं । शिक्षा के क्षेत्र में भी देश ने नई उचाइयों को छुआ हैं ।
भारत के छात्र विश्वभर में देश का नाम रोशन कर रहे हैं।देश के वैज्ञानिकों की महनत के चलते आज हमने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं ।चंद्रयान 2 इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. ऐसे में देश के हर नागरिक को देश की प्रगति को ध्यान में रखकर काम करते रहना चाहिए । क्योंकि ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां भारत को अभी मजबूत होने की जरूरत है । आज हमारे देश की सरकार के पास रोजगार पैदा करने की चुनौती है । ऐसे में हमें एकजुट होकर देश की उन्नति के लिए काम करना चाहिए । मैं आपको अपने शब्दो को पढ़ने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं और इसी के साथ एक शायरी लिख कर मैं अपने शब्दों को विराम देना चाहता हूं ।
**तन हमारा मिसाल है मोहब्बत की,
तोड़ता है दीवारें नफरत की,
ये मेरी खुश नसीबी है जो मिली जिन्दगी इस चमन में…
और भुला न सके कोई भी इसकी खूशबु सातों जनम में…**
जय हिन्द! वन्दे मातरम!
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