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November 23, 2024

किंकरी देवी के गृह क्षेत्र संगड़ाह में चल रही है छः लाइमस्टोन माइन

न्यूज़ पोर्टल्स:सबकी खबर (संगड़ाह )

जहां एक प्रदेश सरकार अवैध खनन माफियाओं पर ठोस कदम उठाने के लिए गंभीर है । वही जिला सिरमौर में अवैध खनन इन दिनों जोरों पर है। उपमंडल संगड़ाह में करीब 782 बीधा में चल चल रही छः चूना खदानों के निरिक्षण के लिए एक माइनिंग गार्ड तक की नियुक्ति न होने के लिए क्षेत्र के स्वंयसेवी संगठनों तथा प्रर्यावरण प्रेमियों ने सरकार व संबंधित विभाग के प्रति नाराजगी जताई। किंकरी देवी के गृह क्षेत्र में चल रही उक्त खदानों से हांलांकि हर साल सरकार को लाखों की आमदनी हो रही है, मगर इसके बावजूद यहां खनन गतिविधियों की जांच अथवा अवैध खनन रोकने के लिए ठोस उपाय नहीं किए गए। गत माह संगड़ाह से करीब तीन किलोमीटर दूर मंडोली नामक स्थान पर डेढ़ दशक बंद पड़ी हिमालय लाइमस्टोन माइन पर सरकार की अनुमति से फिर से खनन कार्य शुरू हो चुका है।

इस नागरिक उपमंडल में पांच माइन्स पहले से चल रही थी। पिछले छः माह में क्षेत्र में बरसों से बंद पड़ी तीन चूना खदानों को सूबे की नई सरकार से हरी झंडी मिल चुकी है तथा क्षेत्र के कांग्रेस नेता भी इस मुद्दे पर नजरें गड़ाए हुए है। तीन माह पहले जहां क्षेत्र के गांव भड़वाना के साथ लगती संत माइन पर काम भी शुरू हो चुका, वहीं नाहन मार्ग पर संगड़ाह से तीन किलोमीटर दूरी पर दुर्गा लाइमस्टोन माइन पर भी गत 15, मार्च से खनन कार्य शुरू हो चुका है। खनन व्यवसायियों तथा विभाग के अनुसार दो चूना खदानों पर बरसात में सड़क खराब होने के चलते लगातार काम नहीं हो पा रहा है।

संगड़ाह महाविद्यालय के समीप 192 बीघा लीज क्षेत्र में मौजूद हिमालय लाइमस्टोन माइन के संचालक एवं खनन अभियंता के अनुसार सरकार द्वारा केवल 112 बीघा में खनन कार्य की अनुमति दी गई है। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी की मुहिम के दौरान 1990 के दशक बंद हुई सिरमौर की 71 अवैध व अवैज्ञानिक चूना खदानों में उपमंडल संगड़ाह की आठ माइन्स शामिल थी, जिनमें से छः चल पड़ी है। इस उपमंडल की वालिया माइन संगड़ाह, नेगी माइन भड़वाना, वालिया माइन भूतमढ़ी, दुर्गा माइन बोरली तथा गुप्ता हिमालय माइन मंडोली को जहां खनन की अनुमति है, वहीं संत माइन भड़वाना को स्टाक उठाने की अनुमति वर्तमान सरकार से मिली है। हिमालय माइन उपमण्डल संगड़ाह की दूसरी सबसे बड़ी चूना खदान है, जबकि 376 बीघा में मौजूद भूतमढ़ी लाइमस्टोन माइन क्षेत्रफल की दृष्टि से पहले नंबर पर है। नागरिक उपमंडल में चल रही चूना खदानों पर पंजीकृत मजदूरों की संख्या हालांकि मात्र 45 के करीब है, मगर संबंधित खनन व्यवसायियों के अनुसार इन खदानों से एक हजार के करीब लोगों को परोक्ष रोजगार मिल रहा है। स्वयंसेवी संस्था सारा तथा एनएमबी व एसवीएम आदि संगठनों ने संबंधित विभागों द्वारा संगड़ाह मे अवैध व अवैज्ञानिक खनन रोकने के लिए एक माइनिंग गार्ड तक की नियुक्ति न किए जाने तथा धर्मकांटा व जीओ टैगिंग जैसी मूलभूत जांच की व्यवस्थाएं न किए जाने को अवैध खनन को सरकारी छूट करार दिया। उक्त संगठनों के पदाधिकारी बीएन शर्मा, विनोद कंठ, आरडी शर्मा व बबलू चौहान आदि ने यहां जारी बयान में कहा कि, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी के निधन के बाद से क्षेत्र में अवैध व अवैज्ञानिक खनन फिर शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि, सरकार द्वारा जहां मात्र 782 बीघा भूमि पर खनन को हरी झंडी दी गई है, वहीं पड़ोसी राज्यों के खनन माफिया अथवा व्यवसायियों द्वारा लीज एरिया से बाहर करीब 300 बीघा में चूना खनन के लिए पहाड़ों को तोड़ा जा रहा हैं। जिला खनन अधिकारी सिरमौर के अनुसार समय-समय पर खनन कार्यों की जांच की जाती है तथा उपमंडल संगड़ाह की सभी खदानों पर नियमानुसार सही ढंग से काम चल रहा है। उन्होंंने कहा कि, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की हाई पावर कमेटी द्वारा भी खनन कार्यो की जांच की जाती है। डीएसपी संगड़ाह व स्थानीय थाना प्रभारी जीत राम ने कहा कि, अवैध खनन करने वालों के समय-समय पर चालान किए जाते हैं। थाना प्रभारी के अनुसार क्षेत्र में धर्म कांटा न होने के चलते ओवरलोडेड ट्रकों के चालान करने में दिक्कत आ रही है।

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