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जिला शिमला के अंतर्गत आने वाली तहसील चिड़गांव में भालुओं के हमले में एक सेब बागवान समेत दो लोग बुरी तरह घायल हो गए। दोनों घायलों को देर रात आईजीएमसी लाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को सर्जरी वार्ड में दाखिल किया है। डॉक्टरों की निगरानी में अब इनका उपचार चल रहा है। जानकारी के अनुसार गांव आंदरा पोस्ट ऑफिस कांतली तहसील चिड़गांव के रहने वाले पद्म सिंह (50) सेब के बगीचों से शाम साढ़े पांच बजे के करीब घर लौट रहे थे।
इसी बीच उनके सामने अचानक भालू आ गया और उन पर झपट पड़ा। भालू ने उनके सिर और आंखों पर नाखूनों से वार किए जिससे उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। अचानक हुए हमले के बाद पद्म सिंह की चीखने चिल्लाने की आवाजें सुनकर स्थानी लोग वहां पहुंच गए तथा भालू मौके से भाग निकला। एक व्यक्ति ने भागते भालू की वीडियो भी बनाई है। घायल को स्थानीय लोगों ने रोहड़ू पहुंचाया जहां से प्राथमिक उपचार के बाद आईजीएमसी रेफर किया गया।
दूसरा मामला गांव तरशैली, पोस्ट ऑफिस लड़ोत, तहसील चिड़गांव से है। यहां सुरेश कुमार (44) भेड़ों को चराने जंगल गया था। देर शाम जंगल से अकेले घर की ओेर लौट रहा था तो रास्ते में भालू ने पीठ के पीछे से कानों पर पंजा मार दिया। इस कारण उनकी कान कट गई। घायल के भाई पप्पू ने बताया कि इस कुछ देर तक सुरेश भालू से भिड़ता रहा। इसके बाद भालू वहां से भाग गया। भालू के साथ एक छोटा बच्चा भी था।
वही घायल ने इसके बाद फोन पर अपने परिवार को सूचना दी। इन्हें भी आईजीएमसी में उपचार के लिए लाया गया है। यहां पर मरीज का सीटी स्कैन, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और ईसीजी टेस्ट करवाए गए। घायल को बाजू, मुंह के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें आई हैं। अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जनकराज ने बताया कि दोनों घायलों का उपचार अस्पताल में चल रहा है। बता दे कि राजधानी में तेंदुए के आतंक से लोग दहशत में है। शहर समेत उपनगरों में आए दिन तेंदुआ नजर आ जाता है। हाल ही में विकासनगर के पास रिहायशी इलाके में तेंदुआ नजर आया था। इसके अलावा कनलोग और बेम्लोई के पास भी कुछ माह पूर्व तेंदुआ देखा गया था। होटल में सैकड़ों लोग काम करते हैं तथा रात वक्त वह इन्हीं रास्तों से होकर घरों को जाते हैं। ऐसे में तेंदुए के हमले का खतरा रहता है।
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