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शिक्षा विभाग अक्सर अपने अजब कारनामों की वजह से सुर्खियों में रहने लगा है। जिला स्तरीय अंडर-12 खेलकूद प्रतियोगिता में शिक्षा खंड पांवटा साहिब में ऐसा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। इस प्रतियोगिता में शामिल हुए पांवटा ब्लॉक के 58 बच्चों की टीम के साथ शिक्षा विभाग ने 61अध्यापकों की ड्यूटी लगा दी गई है।
दरअसल जिला शिक्षा विभाग से इस प्रतियोगिता के लिए 53 अध्यापकों की लिस्ट आई थी। साथ ही ब्लॉक स्तरीय पर 8 अध्यापकों की नियुक्ति ओर कर दी है । जिसके बाद अब शिक्षकों की संख्या अब 61 हो गई है। हालांकि शिक्षा विभाग दलील दी रहा है कि 8 अन्य अध्यापकों की ड्यूटी ब्लॉक कार्यालय से लगी है। लेकिन 58 प्रतियोगियों के साथ 61 अध्यापकों की न्युक्ति पर उठे सवाल जस के तस हैं। यह नियुक्ति खंड स्तरीय कर्मचारियों नेताओं के चेहतों को दी गई है।
पता तो ये भी चला है कि संगड़ाह ब्लॉक की ठीक ऐसी ही खबर सोमवार को विभिन्न समाचार पत्रों समेत मीडिया में सुखियां बनने के बाद अध्यापको के कुछ नाम हटा दिए गए। बावजूद इसके पांवटा ब्लॉक में 58 बच्चों के साथ 61 अध्यापको की नियुक्ति की गई। जिले भर से इस प्रतियोगिता में रिकॉर्ड अनुसार 1200 बच्चों के साथ करीब 250 शिक्षकों की ड्यूटी लगी है। हालांकि, अध्यापकों की संख्या ज्यादा हो सकती है।
* चंद शिक्षक नेताओं की अपनी ही मनमानी…*
– सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है,
की खेल प्रतियोगिता में तैनात शिक्षकों में स्पोटर्स कोटे से लगे कई मेहनती व दक्ष अध्यापको तक को सूची में शामिल नही किया गया है। इससे साफ ही है कि ब्लॉक स्तरीय चंद कर्मचारी नेता केवल ओर केवल अपने चेहतो की ड्यूटी ही लगाने में आगे रहे।
बता दे स्पोर्ट्स कोटे से लगे कर्मठ, अपने क्षेत्रों में दक्ष अध्यापको अजय कुमार , राकेश राणा, प्रताप तोमर ,सीमा चौधरी, रविंद्र पुंडीर, विनय ठाकुर जैसे अध्यापक शिक्षा विभाग के पास है। जो नेशनल तक खेल चुके है। जिसके आधार पर इन्होंने नोकरी भी पाई है । लेकिन शिक्षक नेता अपनी निम्न स्तर की राजनीति के चलते इन काबिल शिक्षको को पूछ तक नही रहे। जबकि, होना तो ये चाहिए था कि ऐसे शिक्षक को हर हाल में खेलकूद प्रतियोगिता में बुलाय जाते। जिससे बच्चे को कुछ नया सीखने को मिलता। ब्लॉक के 58 बच्चे के साथ 61 अध्यापको की नियुक्ति पर शिक्षक संघ नेताओं ने केवल खासम खास को तरजीह दी है। जिससे खेल व खिलाड़ियों के उत्साह पर भी असर पड़ना स्वभाविक ही है। इस मनमानी से खेल को काफी नुकसान पहुँच सकता है ।
उधऱ, शिक्षा उपनिदेशक सिरमौर विपिन कुमार ने बताया कि शिक्षक संघ से शिक्षकों की लिस्ट आती है। उन्ही अध्यपको की प्रतियोगिता को करवाने में ड्यूटी लगाई जाती है ।
*ब्लॉक स्तर इकाइयों से दी जाती है लिस्ट: नरेश ठाकुर*
पीटीएफ के जिला अध्यक्ष नरेश ठाकुर ने बताया कि हमारे पास ब्लॉक स्तर से लिस्ट आती है। उसी को शिक्षा विभाग को भेज दी जाती है । राष्ट्रीय स्तर तक खेल चुके खिलाड़ी शिक्षको की कद्र की जाती है। जो स्पोर्ट्स कोटे से ऐसे शिक्षक है, उनको भी तरजीह मिलनी चाहिए। इस बात का भविष्य में ध्यान रखा जाएगा ।
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