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प्रदेश के ऐसे स्कूल, जहां पर चुनाव ड्यूटी के लिए बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं और पोलिंग बूथ के चलते कक्षाओं के लिए कमरे नहीं हैं, वे स्कूल पांच दिन के लिए बंद हो सकते हैं। शिक्षा विभाग ने इस बारे में साफ किया है कि यदि किसी जिला में ऐसी स्थिति है, तो वहां जिलाधीश के पास स्कूलों में छुट्टियां करने का अधिकार है। डीसी चाहें, तो अपने स्तर पर छुट्टियां कर सकते हैं।दरअसल प्रदेश में 12 नवंबर को विधानभा चुनाव के लिए मतदान होना है। ऐसेे में कुछ शिक्षक संघों की ओर से शिक्षा विभाग से अपील की गई थी कि शिक्षा विभाग 9 से 11 नवंबर के बीच अवकाश दिया जाए। 12 नवंबर को स्कूलों में सार्वजनिक है और 13 नवंबर को रविवार को दिन है। ऐसे में स्कूलों में पांच दिन की छुट्टियां बनती हैं।हालांकि शिक्षा विभाग का यह कहना है कि उनकी तरफ से ऐसी कोई अधिसूचना तो जारी नहीं की गई है, लेकिन डीसी चाहे तो इस बारे में फैसला ले सकते हैं, ताकि बच्चों को किसी भी तरह की असुविधा न हो।वहीं शिक्षक संघों ने तीन दिनों में बच्चों को हर घर पाठशाला के जरिए पढ़ाई करवाने की मांग की थी। आंकड़ों पर नजर डालें, तो प्रदेश में 3026 स्कूल सिंगल टीचर हैं और प्रदेश के 338 प्राथमिक स्कूल एक कमरे वाले, 2495 प्राथमिक स्कूल दो कमरे वाले और 4111 प्राथमिक स्कूल तीन कमरे वाले हैं। जिन स्कूलों में पोलिंग बूथ होंगे, वहां पोलिंग पार्टी ठहरेगी, तो बच्चों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त कमरे नहीं होंगे। इस स्थिति को देखते हुए शिक्षा विभाग 9 से 11 नवंबर तक स्कूलों में अवकाश देते हुए ऑनलाइन शिक्षण की मांग की गई है। प्रदेश के हजारों स्कूलों में वैकल्पिक शिक्षक भी उपलब्ध नहीं हैं और सिंगल टीचर स्कूल व दो-तीन शिक्षकों वाले स्कूल में शिक्षक उपलब्ध करवाना जटिल है।
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