News portals-सबकी खबर (संगड़ाह) रेणुकाजी बांध से विस्थापित होने वाले किसानों द्वारा गठित संघर्ष समिति की बैठक आज ददाहू में संपन्न हुई। आम सभी की इस बैठक में परियोजना से प्रभावित होने वाले परिवारों की MPAF सूची पर आपत्ति दर्ज करने की तारीख 2 माह आगे बढ़ाने को लेकर DC Sirmour को कल 12 जून को Memorandum सौंपने का फैसला लिया गया। संघर्ष समिति अध्यक्ष योगेंद्र कपिला ने Media से बातचीत में कहा कि, यदि Renukaji Dam Management, जिला प्रशासन व हिमाचल सरकार ने उनकी MPF caed, पुनर्वास व रोजगार जैसी मांगों की अनदेखी की तो आंदोलन तेज किया जाएगा। गौरतलब है कि, प्रधानमंत्री Narendra Modi द्वारा 2022 में करीब 7000 करोड़ के इस Project का शिलान्यास किए जाने के बाद इस पर करीब डेढ़ हजार करोड़ का भारी भरकम Budget खर्च हो चुका है, मगर धेले भर का भी वास्तविक निर्माण कार्य शुरू होना बाकी है। उपायुक्त से समिति Objection की तारीख आगे बढ़ाने के साथ-साथ Landless काश्तकार व श्यामलाल भूमि पर खेती से अपना जीवन यापन करने वाले गरीब विस्थापित परिवारों को पूर्ण विस्थापित व गृहविहीन सुचि में शामिल करने की भी मांग करेगी। बैठक में संजय चौहान, योगेश ठाकुर, पूरन चंद शर्मा, रघुवीर सिंह चौहान सुरेंद्र सिंह चौहान, रामशरण चौहान व कमल राज चौहान समिति पदाधिकारी भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि, गत 2, मई को Governor of Himachal Pradesh शिव प्रताप शुक्ल द्वारा अरबों का Budget खर्च होने के बावजूद लंबित Renukaji Dam Project का site visit किया जा चुका है और HPPCL, बांध प्रबंधन व सिरमौर District Administration को 5 साल की तय अवधि में Project complete करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। राज्यपाल के निर्देशों के बाद हरकत में आए उपायुक्त ने विस्थापितों को 14 जून तक अपने दावे व आक्षेप पेश करने का Notice दिया है। राष्ट्रीय महत्व की रेणुकाजी बांध परियोजना का virtual शिलान्यास Prime Minister Narendra Modi द्वारा 27, दिसंबर 2021 में किया जा चुका है और 7000 करोड़ के इस Project पर करीब डेढ़ हजार करोड़ ₹ की राशि खर्च होने के बावजूद अब तक वास्तविक निर्माण कार्य शुरू होना बाकी है। मांगे पूरी न होने तक विस्थापित संघर्ष समिति बांध निर्माण संबंधी कार्य रोकने का ऐलान कर चुकी है। विभाग के अनुसार Dan से 41 गांव तथा 7,000 की आबादी प्रभावित होगी। महज 40 मेगावाट की इस परियोजना के लिए 90% Budget केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जा रहा है और संभवतः इसीलिए अरबों का बजट खर्च होने के बावजूद काम शुरू न होने के लिए Himachal Government गंभीर नहीं है। करीब 26 KM लंबे इस बांध से डूबने वाले संगड़ाह-नाहन Road की वैकल्पिक सड़क के लिए भी ऊर्जा एवं बहुउद्देशीय परियोजना विभाग से Budget मिलना शेष है| हालांकि DPR बनाने के लिए ExEn PWD संगड़ाह को कुछ राशि जारी की जा चुकी है। राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना से दिल्ली सहित आधा दर्जन राज्य को लगातार 23 क्युमेक्स ताजा पानी उपलब्ध करवाना भी जानकार संभव नहीं बता रहे हैं, क्योंकि गर्मियों में नदी का डिस्चार्ज अथवा जल स्तर महज 5 क्युमेक्स के करीब रहता है। ऐसे में परियोजना के अधिकारियों के अनुसार बरसात में reservoir में Store होने वाला बरसात अथवा बाढ़ का पानी कई दिनों तक Supply किया जाएगा, हालांकि इस बारे कोई Public Document अब तक जारी नहीं किया गया। गौरतलब है कि, 1960 के दशक में 60 MW की गिरी विद्युत परियोजना के साथ ही रेणुकाजी बांध का सर्वेक्षण भी शुरू हो गया था, मगर 2021 तक जहां बजट व राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में जहां राष्ट्रीय महत्व की यह परियोजना नेताओं के भाषणों तक सीमित रही, वहीं अब प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास किए जाने के बावजूद विस्थापितों का विरोध व State Government अथवा HPPCL की लापरवाही इसके लटकने के मुख्य कारण समझे जा रहे हैं।
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