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November 23, 2024

आखिर प्रदेश में स्कूल ही क्यों बंद कर रही सरकार ,स्कूलों में कोरोना, चुनावी रैलियों में नहीं

News portals-सबकी खबर (हमीपुर )

कोरोना के समय में आखिर प्रदेश में स्कूल ही क्यों बंद कर रही सरकार ,यह शब्द निजी स्कूल संघ के हे उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी किस नए भारत का निर्माण कर रही है। अगर सरकार ने निजी स्कूलों के प्रति कोई अच्छी नीति नहीं बनाई, तो मजबूरन बहुत से स्कूलों को हमेशा बंद करना पड़ेगा।

ये शब्द प्रदेश निजी स्कूल संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. गुलशन कुमार ने कहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्कूल बंद करने से हर तरीके से हर जगह आर्थिक मंदी हो गई है। स्कूलों ने करोड़ों रुपए बैंक से कर्ज लिया है और जितने भी स्कूलों में अध्यापक रखे गए हैं, उन्हें सैलरी कहां से देंगे। यदि स्कूल ही नहीं लगेंगे, तो बैंक का कर्जा कैसे चुकाया जाएगा, मजबूरन स्कूल संचालकों को आत्महत्या न करना पड़ जाए।  गुलशन कुमार ने कहा कि  आज स्कूलों के न खुलने से निजी स्कूलों की सैकड़ों बसें खड़ी हैं। ड्राइवर-कंडक्टर को कहां से सैलरी देंगे, सरकार का इसकी और कोई ध्यान नहीं है। बैंकों से अब स्कूलों को नोटिस आना शुरू हो गए हैं। कर्ज के छह-छह महीने का बैंक का इंटरेस्ट इकट्ठा ले रहे हैं, वह कहां से दिया जाएगा।

संघ के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने चुनावों में अपनी रैलियां करनी हैं, तो कोरोना नहीं, वहां पर लाखों की संख्या में लोग आ रहे हैं, तो कोरोना नहीं और यदि स्कूलों में बच्चों ने पढ़ना है, तो कोरोना आ रहा है, यह है भाजपा की नए भारत के निर्माण की सच्चाई।

उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया है कि इस कोरोना काल में सभी अध्यापकों द्वारा किए गए कार्य को देखते हुए उनको कोरोना वॉरियर का दर्जा देकर सभी सरकारी व निजी स्कूलों के अध्यापकों को जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन लगा कर स्कूल खोलने के आदेश जारी करने की कृपा करें। शिक्षा को तबाह करने वाली सुनामी को रोकना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। स्वास्थ्य व शिक्षा सरकार की शीर्ष वरीयता में शामिल होने चाहिएं।

स्कूलों में कोरोना, चुनावी रैलियों में नहीं

डा.  गुलशन ने कहा कि कोरोना महामारी की आड़ में स्कूलों को बंद करके बच्चों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से सवाल पूछा है कि क्या चुनावी रैलियां, बड़े-बडे मॉल व अन्य समारोह में कोरोना नहीं आता, केवल स्कूलों में ही आता है। आज हम शिक्षा को महत्त्व न देकर अपने देश को पीछे धकेल रहे हैं।

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