News-सबकी खबर(संगड़ाह)
लोक निर्माण विभाग मंडल संगड़ाह के अंतर्गत 3 करोड़ 28 लाख से बंद रहे जंदरायण-सनग मार्ग को एक प्रभावशाली शख्स द्वारा बंद किए जाने से ग्रामीण मरीजों को पीठ पर उठाकर अस्पताल ले जाने पर मजबूर हो चुके हैं। दो माह पहले एक शख्स द्वारा ढारा बनाकर नाबार्ड से बनने वाली इस सड़क को बंद किया गया। संगड़ाह के बीचो-बीच इस कच्चे ढारे निर्माण शुरू होने के बाद से अब तक कईं शिकायतें स्थानीय ग्रामीण लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संगड़ाह से करने के साथ-साथ इस बारे एसडीएम संगड़ाह, डीसी सिरमौर व हिमाचल के मुख्यमंत्री को भी लिख चुके है तथा एक पत्र की प्रति प्रदेश उच्च न्यायालय को भी भेजी जा चुकी है। इसके बावजूद लोक निर्माण विभाग व स्थानीय प्रशासन सड़क से अवैध कब्जा नहीं हटा सके। चतर सिंह, कपिल, पृथवी सिंह, विनोद, भिंदर सिंह व सुरेश आदि शिकायतकर्ताओं ने दो माह बाद भी सड़क चालू न किए जाने के लिए विभाग, प्रशासन के प्रति रोष जताया। 7 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर पिछले 2 माह से वाहनों की आवाजाही बंद होने से सनग, जंदरायण, कोलवा व मानल-दोची आदि आधा दर्जन गांव के लोगों मरीजों को पीठ पर उठाकर सड़क तक पहुंचना पड़ रहा है। किसानों को अपनी फसलों को बेचने तथा बाजार से सामान लाने मे भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। वर्ष 2014 में इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ था तथा ठेकेदार को इसे 2016 में पूरा करना था।
ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य लंबित रखा जाना व विभाग की अनदेखी भी यहां अतिक्रमण का मुख्य कारण रहा। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संगड़ाह रतन शर्मा ने बताया कि, दरअसल विभाग द्वारा उक्त सड़क से कब्जा हटाने के लिए 24 अक्टूबर को एसडीओ संगड़ाह की मौजूदगी में विभाग की टीम स्थानीय एसएचओ के साथ गई थी, मगर जमीन संबंधी तकनीकी अड़चनो के चलते कब्जा नहीं हटाया जा सका। उन्होंने कहा कि, इस मामले में विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है तथा एसडीएम संगड़ाह को केस भेजा गया है।
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