बर्फीली ठंड की परवाह किए बिना भेड़पालक अपनी मंजिल तक पहुंचे बिना नहीं रुकते
News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
किन्नौर जिला में भारी हिमपात के बाद भेड़पालक इन दिनों एक बार फिर सिरमौर जिला व उपमंडल संगड़ाह के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं। सदियों से सर्दियों के करीब 3 माह ये गडरिए अथवा भेड़पालक कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बिताते हैं। इनकी आधी जिंदगी मवेशियों के साथ जंगल अथवा चरागाहों में बीत जाती है।
भेड़ पालक राम सिंह ने बताया कि उनके डेरे को यहां पहुंचने में डेढ़ माह का समय लग जाता है। अपनी भेड़-बकरियों के साथ मंगलवार को वह उपमंडल संगड़ाह के गांव गराड़ी पहुंचे। आगामी मार्च माह में वे यहां से वापस किन्नौर का रुख करेंगे। चूड़धार होकर घर लौटने में इन्हें डेढ़ महीने का समय लगता है।
बर्फीली ठंड की परवाह किए बिना वे अपनी मंजिल तक पहुंचे बिना नहीं रुकते। गौरतलब है कि भेड़पालकों का जीवन काफी संघर्ष भरा होता है और अपने परिवार से दूर खुले आसमान तले रहते हैं।
Recent Comments