News portals-सबकी खबर (शिमला )
अब कांग्रेस के कद्दावर नेता वीरभद्र सिंह के हलके में भाजपा के दो धड़े बन गए हैं। शिमला, कांगड़ा और मंडी के बाद अब सोलन भाजपा में भी बगावत के सुर तेज हो गए हैं। पिछली बार विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रहे रतन सिंह पाल को कोऑपरेटिव फेडरेशन का अध्यक्ष बनाने के बाद बवाल खड़ा हो गया है। उपेक्षा के बीच अर्की के पूर्व भाजपा विधायक गोविंद राम शर्मा के समर्थक अंदरखाते सक्रिय हो गए हैं।
गोविंद राम शर्मा का पिछले विधानसभा चुनाव में अर्की का विधायक रहते टिकट कट गया था। अर्की विधानसभा हलके से कांग्रेस से वीरभद्र सिंह खुद चुनाव में उतरे तो भाजपा ने यहां से गोविंद राम शर्मा का टिकट काट दिया। यहां से रतन पाल सिंह को नए चेहरे के रूप में मैदान में उतारा गया। इससे विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा अंदरखाते कई धड़ों में बंटी रही।
हालांकि सिटिंग विधायक गोविंद राम शर्मा हाईकमान के आदेश के बाद सार्वजनिक मंचों पर रतन सिंह पाल का पूरा साथ देते रहे। उस वक्त विधानसभा चुनाव के बाद गोविंद राम शर्मा को सरकार या संगठन में अच्छा स्थान देने के भी संकेत दिए गए, पर असल में ऐसा नहीं किया गया। रतन पाल सिंह को ही पहले प्रदेश भाजपा का उपाध्यक्ष बनाया गया। उसके बाद उनकी अब यह एक और ताजपोशी कर दी गई है, जबकि गोविंद राम शर्मा को सरकार और संगठन में कोई खास स्थान नहीं दिया गया है।
इसी से शर्मा के समर्थक अंदरखाते बहुत नाराज चल रहे हैं। आगामी दिनों में इनके तेवर सामने आ सकते हैं। समर्थक गोविंद राम शर्मा पर भी अपनी चुप्पी तोड़ने को दबाव बना रहे हैं। कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता वीरभद्र सिंह के हलके में भाजपा के इस तरह से दो धड़े बन गए हैं तो यह आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है। हालांकि, गोविंद राम शर्मा का कहना है कि अभी वह इस बारे में कोई बात नहीं कर पाएंगे।
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