Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 24, 2024

आखिर छः माह बाद कॉलेज भूमि की निशानदेही करने पहुंचे राजस्व कर्मी/महाविद्यालय प्रशासन ने करवाई डिमार्केशन की जियो टैगिंग व वीडियोग्राफी /32 बीघा 16 बिस्वा जमीन पूरी न होने पर कालिज प्रशासन को आपत्ति ।

न्यूज़ पोर्टल्स:सबकी खबर(संगड़ाह)

छः माह की लंबी जद्दोजहद के बाद बुधवार को आखिर राजकीय महाविद्यालय संगड़ाह की निशानदेही का कार्य संबंधित पक्षों की मौजूदगी में पूरा किया गया।

कॉलेज बिल्डिंग एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर कमेटी सदस्य प्रो वेद प्रकाश, प्रो प्रमोद, प्रो सुशील प्रो विक्रम व राजेंद्र सिंह आदि की मौजूदगी उक्त निशानदेही की वीडियोग्राफी तथा जियो टैगिंग भी की करवाई गई। महाविद्यालय प्रशासन ने निशानदेही के दौरान कालिज की 32 बीघा 16 बिस्वा जमीन पूरी न होने पर आपत्ति जताई है तथा सम्भवतः हेलीपैड के साथ लगती जमीन को दोबारा डीमार्केट करवाया जा सकता है।

राजस्व विभाग की ओर से फील्ड कानूनगो रमेश कुमार तथा तीन पटवारियों द्वारा उक्त भूमि की निशानदेही की गई। महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा कॉलेज की 32 बीघा 16 बिस्वा जमीन की निशानदेही के लिए एसडीएम संगड़ाह को 28 दिसंबर 2018 को अधिकारिक पत्र भेजे जाने बावजूद संबंधित राजस्व अधिकारियोंं को उक्त सरकारी भूमि की डिमार्केशन में छः माह का समय लग गया।  न्यूज़ पोर्टल  सबकी खबर  ने  उक्त  मामले को लेकर शनिवार को समाचार प्रकाशित किए जाने के बाद हरकत में आए स्थानीय प्रशासन अथवा एसडीएम द्वारा पहले उक्त निशानदेही की तारीख 9 जून निर्धारित की गई थी, जिसे बाद में आज बुधवार के लिए मुल्तवी किया गया। महाविद्यालय प्रशासन जहां उक्त निशानदेही को लेकर कईं बार संबंधित राजस्व अधिकारियों से संपर्क कर चुका था, वहीं राजस्व विभाग के अनुसार महाविद्यालय द्वारा संबंधित दस्तावेज देरी से दिए जाने तथा कर्मचारियों के विभिन्न कार्यों में व्यस्त होने के चलते इतना समय लग गया।

वर्ष 2006 से चल रहे इस महाविद्यालय की जमीन पर दिन-ब-दिन हो रहे अतिक्रमण के चलते जहां महाविद्यालय की जमीन सिकुड़ती जा रही है, वहीं कॉलेज संपर्क मार्ग भी केवल छोटे वाहनों के काबिल ही रह गया है। उक्त सरकारी संपत्ति की तार-बाढ़ अथवा बाउंड्री वॉल न होने के चलते दिन ब दिन कब्जे बढ़ रहे हैं। महाविद्यालय के विभिन्न छात्र संगठनों ने प्रशासन से उक्त सरकारी संपत्ति पर ध्यान देने की अपील की। वर्ष 2014 में स्थानीय पंचायत द्वारा बनाया गया ग्रामीण हाट भवन पुरानी निशानदेही के मुताबिक महाविद्यालय की 32 बीघा 16 बिस्वा भूमि में बताए जा रहे थे। वर्ष 2014 में से पहले हुई निशानदेही के दौरान जहां तत्कालीन राजस्व अधिकारियों द्वारा कॉलेज की जमीन का हेलीपैड के साथ वाला हिस्सा महाविद्यालय का बताया जा रहा था, वहीं उसके बाद पंचायत अथवा लोगों की निजी भूमि बताया गया। साल 2014 में तत्कालीन प्राचार्य द्वारा एसडीम संगड़ाह को कॉलेज की भूमि पर पंचायत द्वारा अवैध कब्जा किए जाने को लेकर पत्र भी भेजा गया था।

महाविद्यालय की जमीन व सड़क के आसपास कईं लोगों द्वारा भवन निर्माण के लिए अतिक्रमण किया गया है तथा प्राचार्य के अनुसार निशानदेही की अंतिम रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन को कब्जा वापिस दिलवाने अथवा अतिक्रमण हटाने के लिए लिखा जाएगा। आसपास बन रहे भवनों के लिए सरिया, रेत व बजरी आदि निर्माण सामग्री महाविद्यालय मैदान में रखा जाना आम हो चुका है। महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ वेदप्रकाश ने बताया कि, बुधवार को हुई निशानदेही में कालिज की जमीन पूरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि, निशानदेही की अंतिम रिपोर्ट आने पर प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के लिए लिखा जाएगा। तहसीलदार संगड़ाह जीत राम नेगी तथा निशानदेही करने वाले कानूनगो रमेश कुमार ने बताया कि, एक सप्ताह के भीतर इस बारे रिपोर्ट तैयार की जाएगी। कानूनगो के अनुसार 2006 से अब तक चार बार महाविद्यालय की भूमि की निशानदेही की जा चुकी है।

Read Previous

माजरा में नाबालिग चरस समेत गिरफ्तार /… नाबालिग को परिजनों को सौंपा गया ।

Read Next

खनन माफिया में एक हजार में मिल रहे नकली एम फार्म और बिल ,सरकार को करोड़ों रुपए की लग रही चपत, बाइक पर सवार बेच रहे फर्जी सरकारी दस्तावेज।

error: Content is protected !!