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जिला सिरमौर में अब लाल धान की खेती से जिला के खेत लहलहाएंगे। जिला सिरमौर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत लाल धान की खेती की शुरुआत कृषि विभाग द्वारा कर दी गई है। प्रदेश में लाल धान से निकलने वाले चावल को स्वादिष्ट मीठा भात के लिए जहां प्रयोग कर इसके औषधीय गुणों को प्राप्त किया जा सकेगा।एशिया प्रजाति की लाल धान की औषधीय गुणों के कारण जहां खास महत्त्व है। वहीं चावल को पर्याप्त मात्रा के पानी में उबाल कर इससे निकलने वाली लुगड़ी को भी विशेष तौर पर बच्चों को स्वास्थ्य टॉनिक के तौर पर दिया जा सकेगा। कृषि उपनिदेशक सिरमौर डा. पवन कुमार ने बताया कि लाल धान से निकले चावल में मेगनीज की प्रचूर मात्रा होने के चलते एंटी आक्सीडेंट का कार्य करेगा। जो कि एलर्जी से हृदय रोग, ब्लड प्रेशर, माइग्रेन जैसे रोगों की रोकथाम के लिए सहायक सिद्ध होगा। लाल धान में सेलेनियम उपस्थित होने के कारण शरीर के किसी भी तरह के इन्फेक्शन को कम करने में सहायक सिद्ध होगा
वहीं लाल धान के व्यंजन प्रदेश के हर जिला में तैयार किए जाते हैं। कृषि विभाग सिरमौर ने जिला के दो विकास खंडों में लाल धान का बीज भी वितरित कर दिया है। कृषि विभाग सिरमौर के उपनिदेशक डा. पवन कुमार ने बताया कि जिला सिरमौर में 83 किसानों को 295 किलो लाल धान का बीज वितरित किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला में लाल धान की एचपीआर 2712 तथा एचपीआर 2795 दो वैरायटी में बीज को मंगवाकर वितरित किया गया है। उन्होंने बताया कि लाल धान फसल 1100 से 2400 मीटर समुद्र तल ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सफलतापूर्वक तैयार होती है। बहरहाल जिला के दो ब्लॉक में लाल धान की खेती का बीज वितरित करना शुरू कर दिया गया है।
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