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कृषि अधिकारियों को खेतों में जाकर किसानों की समस्या का निदान करना पडे़गा। सोमवार को कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने कृषि विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को ये निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सौर सिंचाई योजना के अंतर्गत सौर पंपों से सिंचाई के लिए लघु एवं सीमांत वर्ग के किसानों को व्यक्तिगत रूप से पंपिंग मशीनरी लगाने के लिए 85 प्रतिशत की सहायता प्रदान कर रही है।
सामुदायिक स्तर पर कम से कम पांच किसानों के समूह को पंपिंग मशीनरी लगाने के लिए सभी वर्ग के किसानों के लिए 85 प्रतिशत व्यय भी सरकार द्वारा वहन किए जाने का प्रावधान है, इसके लिए सरकार ने 30 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विभिन्न सिंचाई योजनाओं के माध्यम से किसानों के खेतों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है, ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा नकदी फसलों का उत्पादन कर सकें और उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके। इन योजनाओं में मुख्य रूप से सौर सिंचाई योजना, जल से कृषि को बल योजना, प्रवाह सिंचाई योजना और सूक्ष्म सिंचाई योजनाएं शामिल हैं।
कृषि मंत्री ने अधिकारियों को इन योजनाओं का लाभ किसानों को सुनिश्चित करवाने के लिए जरूरी कदम समयबद्ध रूप से उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूक किया जाए, उन्हें हरसंभव सहायता भी प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि फसलों को बंदरों एवं जंगली जानवरों द्वारा पहुंचाए जाने वाले नुकसान से बचाने के लिए मुख्यमंत्री खेती संरक्षण योजना के अंतर्गत इस वर्ष से कंपोजिट फैंसिंग का प्रावधान भी किया है। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को बढ़े स्तर पर ट्रैक्टर, पावर टिलर व पावर वीडर उपदान पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
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