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पावटा साहिब में 2017 में पांवटा के विधायक सहित यूथ ब्रिगेड के अध्यक्ष व सदस्यों के अश्लील फोटो वायरल करने के मामले में तत्कालीन एसएचओ लापरवाही बरतने के आरोप लगे है। इस मामले में आरोपियों के मोबाइल फोन व लेपटॉप सहित कई अहम सबूत पुलिस की जांच रिपोर्ट से गायब है।
यूथ ब्रिगेड अध्यक्ष ने आरोप लगाए हैं कि तत्कालीन थाना प्रभारी ने आरोपियों को बचाने के लिए अहम सुबूत ही गायब किए हैं।
पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी सहित हिमाचल यूथ ब्रिगेड के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह मिक्का के अश्लील कमेंट वाली फोटो पोस्ट करने के मामले में आरोपियों को बचाने गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप पांवटा के 2017 में तत्कालीन थाना प्रभारी पर लगे हैं।
सबूतों को मिटाने के आरोपों का खुलासा यूथ ब्रिगेड के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह मिक्का ने यहां एक पत्रकार वार्ता के दौरान किया।
अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व थाना प्रभारी ने ना सिर्फ सुबूत मिटाने का प्रयास किया है। बल्कि उच्च न्यायालय को भी गुमराह करने का प्रयास किया है। इंद्रजीत सिंह मिक्का ने बताया कि पूर्व थाना प्रभारी ने आरोपियों को बचाने के लिए उनके मोबाइल फोन और लैपटॉप जप्त नहीं किए। जबकि अन्य 8 लोगों के मोबाइल ज़ब्त किए गए। इसका खुलासा तब हुआ जब हाईकोर्ट ने इस मामले में पुलिस की जांच रिपोर्ट तलब की। उस रिपोर्ट में मुख्य आरोपियों के मोबाइल फोन और लैपटॉप और उनकी फॉरेंसिक जांच का कोई फिक्र नहीं था।
इंद्रजीत सिंह ने बताया कि पुलिस जांच में जरूरी सबूत नहीं जुटाना और सबूतो को नष्ट कर देना बेहद गंभीर मामला है। इसमें पुलिस अधिकारी सीधे तौर पर शामिल है। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय की जवाब तलबी के बाद हालांकि अब पुलिस ने इस मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ और सुबूत नष्ट करने की धाराएं भी लगा दी है।
लेकिन पूर्व थाना प्रभारी के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही शुरू नहीँ हुई है। जबकि इस बात की जांच होना बेहद जरूरी है की पूर्व थाना अध्यक्ष ने इस तरह की लापरवाही क्यों की थी। इंद्रजीत सिंह मिक्का ने पांवटा साहिब के विधायक की अश्लील फोटो बनाने और प्रसारित करने के संगीन मामले की उच्च स्तरीय जांच और पूर्व एसएचओ न के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।
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