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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर शपथ दिलाई कि ‘मैं सत्य निष्ठा से शपथ लेता हूं कि मैं राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश दिलाने का भी भरसक प्रयास करूंगा। यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूं जिसे सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों द्वारा संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश के आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान करने का भी सत्य निष्ठा से संकल्प करता हूं ।’
अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल के कारण अखंड भारत का अस्तित्व सामने आया, उन्होंने भारत को एक करने का काम किया इसलिये आज एकता दिवस पर हम सरदार पटेल को याद कर देश को अखंडित रखने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने लौह पुरुष सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आज हमारे सामने जो एक भारत का मानचित्र दिखाई दे रहा है वह सरदार पटेल के कारण ही दिखाई दे रहा है। देश को आजाद करते समय अंग्रेजों ने देश को रियासतों में बांटने का काम किया था, उनका मानना था कि भारत को आजादी तो मिले थे किंतु कई टुकड़ों में ।
शाह ने कहा कि उस समस्या जब यह समस्या उठाई गई कि 550 टुकड़ों में एक देश कैसे पनप सकता है, कैसे विकसित हो सकता है और महात्मा गांधी ने निर्णय किया कि देश की सभी रियासतों को एक संघ राज्य भारत बनाने का काम देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार पटेल के द्वारा किया जाएगा। उसी दिन से सरदार पटेल ने दृढ़ता के साथ जब तक पूरा देश एक नहीं हुआ तब तक सभी रियासतों को जोड़ने का काम किया। तत्कालीन समय में कई प्रकार की दिक्कतें भी आईं किंतु सरदार पटेल ने एक भारत बनाने का काम किया और भारत को वर्तमान स्वरूप दिया। महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को पत्र लिखा कि रियासतों की समस्या इतनी जटिल थी कि आपके अलावा और कोई इस कार्य कों नहीं कर सकता था तथा आपने देश को एक कर भारत की सबसे बड़ी सेवा करने का काम किया है।
शाह का कहना था कि आज की एकता दौड़, देशवासियों की एकता के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाती है और देशभर में इसी समय हर नगर में, हर शहर में एकता दौड़ का आयोजन किया जा रहा है जो सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि है। उनका कहना था कि एकता दौड़ की शुरुआत उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। उन्होंने यह भी कहा कि सरदार पटेल ने आजादी के बाद देश को एक करने का काम किया किंतु एक कसक छूट गई थी जो जम्मू कश्मीर के रूप में थी। जम्मू कश्मीर का विलय तो भारत में हुआ किंतु धारा 370 और 35 ए के कारण यह समस्या बन गई थी। 70 साल तक किसी ने भी धारा 370 को छूना भी मुनासिब नहीं समझा लेकिन जब देश की जनता ने 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा सत्ता सौंपी तब धारा 370 और 35 ए को हटाने का साहसिक कदम लिया गया और सरदार साहब का अधूरा स्वप्न पूरा किया गया। नरेंद्र मोदी ने धारा 370 व 35ए को निकालकर कश्मीर को भारत के साथ हमेशा के लिए जोड़ने का काम किया है| शाह का कहना था कि धारा 370 एवं 35 ए आतंकवाद का गेटवे बनी हुई थी जिसे रोकने का काम नरेंद्र मोदी ने किया।
अमित शाह ने कहा कि देश की आजादी के कई सालों बाद भी सरदार पटेल को उचित सम्मान नहीं दिया गया और सरदार पटेल को भुलाने के प्रयास किए गए किंतु देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में देश के करोड़ों किसानों से अपने खेत में उपयोग किया जा चुका लोहा मांगने का काम किया और देश भर के करोड़ों किसानों के पास से लोहा, गांव से मिट्टी तथा नदियों का जल मंगा कर गुजरात में एक अद्भुत स्टैचू ऑफ यूनिटी बनाया जो दुनिया में सबसे ऊंची मूर्ति है। नरेंदर मोदी ने 182 मीटर ऊंचे इस स्टेचू को बनाकर सरदार साहब को उचित सम्मान देकर विश्व के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है। मोदी जी के नेतृत्व में भारत दुनिया में सबसे तेज अर्थव्यवस्था बनने के बाद 2024 तक 5 ट्रिलियन इकोनामी बनकर दुनिया के सबसे बड़े अर्थतंत्र की सूची में शामिल हो जाएगा। शाह ने इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को भी श्रद्धांजलि दी।
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