News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
उपमंडल संगड़ाह के गांव सींऊ में शुक्रवार को आयोजित रेणुका बांध विस्थापित जन संघर्ष समिति की आपात बैठक में विस्थापितों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं का बांध प्रबंधन द्वारा निदान न किए जाने के लिए रोष जताया गया। संघर्ष समिति अध्यक्ष योगेंद्र कपिला ने कहा की, वह पिछले 14 वर्षों से बांध प्रबंधन एवं सरकार के समक्ष लगातार अपनी समस्याओं को रख रहे हैं, मगर इस पर गौर नहीं किया जा रहा है। बांध प्रबंधन के समक्ष संघर्ष समिति द्वारा गत दिनों परियोजना प्रभावित को पहचान पत्र देने व पैरा 55 के तहत उन्हे जारी किए गए मुआवजे का विवरण देने की मांग की गई थी, जिसे पूरा नही किया गया।
पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन योजना के लाभ देना तो दूर, विस्थापित अपने छोटे-मोटे कार्य के लिए बांध प्रबंधन कार्यालय में जाता हैं तो उन्हें निराश होकर घर लौटना पड़ता है। कैबिनेट से श्रीरेणुकाजी बांध परियोजना निर्माण के लिए हरि झंडी मिलने के बाद जहां जल्द बांध निर्माण की उम्मीद जगी है, वहीं दूसरी और विस्थापितों को अपने पुनर्वास की चिंता सताए जा रही है। शनिवार को एक तरफ जहां हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड अपना स्थापना दिवस मनाएगा वहीं दूसरी ओर रेणुकाजी बांध जन संघर्ष समिति इस दिन को काले दिवस के रूप में रैली निकालकर प्रदर्शन करेंगी।
सीऊं मे आयोजित बैठक में संघर्ष समिति के संयोजक प्रताप सिंह तोमर, सहसंयोजक पूर्णचंद शर्मा, ब्रह्मदत्त शर्मा, योगेश कमल रघुवीर सिंह व वीरेंद्र सिंह सहित काफी लोगों ने भाग लिया। रेणुकाजी बांध के महाप्रबंधक रूपलाल ने बताया कि, मेनेजमेंट विस्थापितों की समस्याओं के प्रति सजग है। उन्होने कहा कि, पैरा 55 के विवरण तथा एमपीएएफ कार्ड बनाने की प्रक्रिया जारी है।
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