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शनिवार को हिमाचल की संसदीय इतिहास में एक और अध्याय जुड़ा। 13वीं विधानसभा का आखिरी सेशन संपन्न हुआ। पांच साल में हिमाचल विधानसभा के कुल 140 सेशन आयोजित हुए। इस दौरान 10513 सवाल पूछे गए। कुल 69 बिल पास किए गए। मानसून सत्र में चार बैठकें हुई। सदन की कार्यवाही इन चार बैठकों के दौरान कुल 22 घंटे 50 मिनट तक चली। सत्र की समाप्ति पर विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने मीडिया से चर्चा में बताया कि पांच साल में 13वीं विधानसभा की कुल 140 सिटिंग हुईं। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण वर्ष 2020 का शीतकालीन सत्र स्थगित करना पड़ा था। फिर भी इस विधानसभा ने 140 सिटिंग हुई।
गरीब के करीब रहकर काम किया
विधानसभा का आखिरी मॉनसून सत्र पूरा होने के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इस कार्यकाल में उन्हें मिले सहयोग के लिए वह सभी मंत्रियों और विधायकों के शुक्रगुजार हैं।उन्होंने अपने इस कार्यकाल के दौरान गरीब के करीब रहकर काम करने की कोशिश की है और जो सरकार मदद कमजोर वर्गों के कर सकती है वह की है। हिमाचल की संस्कृति को बचाए रखने के लिए सरकार संवेदनशील रही और कोरोना की असामान्य परिस्थितियों के बावजूद विकास का काम रुकने नहीं दिया। उन्होंने दावा किया कि इस बार बारी.बारी की सरकार का रिवाज बदलेंगे और दोबारा से सरकार बनाएंगे।
यदि सवालों की बात की जाए तो पांच साल में सदन में 10513 सूचनाएं सवालों के तौर पर आई थीं। इनमें से 7414 तारांकित तथा 3099 अतारांकित प्रश्न मिले थे। इस विधानसभा में कुल 77 सरकारी विधेयक पुरस्थापित किए गए और उनमें से 69 पारित हुए। इसके अलावा सभा की विभिन्न समितियों ने कुल 683 प्रतिवेदन सभा में स्थापित किए। विपिन परमार ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल का भी पालन किया गया। सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी का सहयोग मिला। पांच साल में हिमाचल विधान सभा कई आयोजनों की गवाह बनी। वर्ष 2018 में विधान सभा में कॉमनवेल्थ संसदीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। उस आयोजन में लोक सभा की तत्कालीन स्पीकर सुमित्रा महाजन विशेष रूप से उपस्थित रहीं थीं। इसके अलावा सितंबर, 2021 में देश के राष्ट्रपति ने विधानसभा को संबोधित किया। श्री परमार ने कहा कि 100 वर्ष पूर्व सितंबर, 1921 को शिमला में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का पहला सम्मेलन आयोजित किया गया था। फिर शताब्दी समारोह आयोजित करने का विधानसभा को अवसर प्राप्त हुआ। उसका आयोजन 16 से 19 नवंबर, 2021 तक किया गया, जिसमें 23 राज्यों की विधान परिषदों तथा विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारी शामिल हुए। लोक सभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला भी मौजूद रहे।
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