News portals-सबकी खबर (शिमला ) प्रदेश में की राजनीति में कांग्रेस कि सरकार बनते ही अब एक बार फिर होलीलॉज की सियासत का एक और अध्याय शुरू हो गया है। कम उम्र में विक्रमादित्य सिंह के मंत्रिपद की शपथ लेते ही सबसे कम उम्र में मंत्री बनने का खिताब उनके नाम दर्ज हो गया। वह अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह की तरह ही 27 साल की उम्र में सक्रिय राजनीति में आ गए थे। हालांकि स्व. वीरभद्र सिंह ने अपने जीवन में चुनाव की शुरुआत लोकसभा से की और विक्रमादित्य सिंह विधानसभा के रास्ते मंत्रिमंडल तक पहुंचे हैं।विक्रमादित्य सिंह दूसरी मर्तबा चुनाव में उतरे थे और उन्होंने शिमला ग्रामीण से बड़ी जीत दर्ज की है। विक्रमादित्य सिंह की उम्र 33 साल है। विक्रमादित्य सिंह का जन्म 17 अक्तूबर, 1989 को शिमला में हुआ। उन्होंने दिल्ली विश्व विद्यालय से स्नातक हैं। विक्रमादित्य 2013 से 2018 तक प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। वह दिसंबर 2017 में पहली बार विधायक बने और सार्वजनिक उपक्रम समिति सहित ई-गवर्नेंस और सामान्य प्रायोजन समिति के सदस्य रहे।अब विक्रमादित्य सिंह दूसरी बार विधायक बने हैं। मौजूदा सरकार में जिन सात मंत्रियों का शपथ ग्रहण हुआ है उनमें सोलन के कर्नल धनी राम शांडिल सबसे उम्रदराज मंत्री हैं। कर्नल की उम्र 82 साल है। उनका जन्म 20 अक्तूबर 1940 को हुआ था। इन्होंने सशस्त्र बलों में वर्ष 1962-1996 तक अपनी सेवाएं प्रदान की और कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हुए। वर्ष 1999 में यह हिमाचल विकास कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में 13वीं लोकसभा के लिए बतौर सांसद चुने गए। 2012 मेें इन्हें पहली बार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री के रूप में कार्य किया। दिसंबर 2017 में दूसरी और 2022 में तीसरी बाद विधायक बनने के बाद अब उन्हें फिर से मंत्री बनने का अवसर मिल रहा है।
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