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प्रदेश सरकार ने सेना के युद्धाभ्यास के लिए सिरमौर जिला में 22 गांव चिन्हित किए हैं। यहां खुले स्थानों पर सेना गोला चलाने व तोप दागने का अभ्यास कर सकती है, लेकिन खेतों में बुआई के दौरान इस अभ्यास पर रोक रहेगी, तब सेना यहां अभ्यास नहीं कर सकेगी। गृह विभाग ने चिन्हित गांवों को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। नाहन में वर्मा पापड़ी गुल्लरवाला में 42 वर्ग मीटर, गुमती टोडवाला में 115 वर्ग मीटर, नेरो कोटरी गांव में 1228 वर्ग मीटर, बलसार के क्यारी में 854 वर्ग मीटर, रामपुर पण्डोल में 1594 वर्ग मीटर, बलसार में 561 वर्ग मीटर, भुदरा में 687 वर्ग मीटर, सदर में 739 वर्ग मीटर, कौलनवाला भूड में 2701, खांडा सबड़ा में 412 वर्ग मीटर जमीन को चिन्हित किया गया है। इसी तरह निहोग के झाझर गांव में 3171 वर्ग मीटर, सरोगा टिक्कर में 539 वर्ग मीटर, पपलोह में 81 वर्ग मीटर व गुसान में 268 वर्ग मीटर जमीन को चिन्हित किया गया है। नाहन विधानसभा क्षेत्र में कुल 13000 वर्ग मीटर जमीन को युद्धाभ्यास के लिए चिन्हित किया है। पच्छाद के तहत जामन की सेर में उपसंपदा रोही की 247 वर्ग मीटर, हाबी में 162 वर्ग मीटर, अपरों में 352 वर्ग मीटर, लड़वा संडोली में 814 वर्ग मीटर, कन्याणा में 626 वर्ग मीटर, भामपुर छनदोग में 431 वर्ग मीटर, काहन बास शकरोड़ा में 518 वर्ग मीटर तथा कनलोग में 510 वर्ग मीटर जमीन को युद्धाभ्यास के लिए चिन्हित किया गया है।
पांच साल के लिए हफ्ते में चार दिन
साफ किया गया है कि किसान जिस दौरान खेतों में बुआई करते हैं, उस दौरान गोला चलाने व तोप दागने का अभ्यास नहीं किया जा सकता है। पांच वर्ष के लिए इन स्थानों को चिन्हित कर दिया गया है। बुआई का काम अप्रैल और नवंबर में किया जाता है। तय नियमों के तहत गोला चलाने का अभ्यास सप्ताह में केवल चार दिन सोमवार, मंगलवार, गुरुवार व शुक्रवार के लिए ही सीमित रखना होगा।
…ऐसे ही नहीं करवा पाएंगे कोई समारोह
सेना अधिकारियों को पच्छाद व नाहन तहसील के लिए प्रमाणित क्षेत्र के गांववासियों के विवाह समारोह व अन्य महत्त्वपूर्ण समरोह जो चिन्हित अवधि के दौरान होते हैं, की दशा में आवश्यक परिवर्तन करने होंगे। सेना को किसी अधिकारी के नियंत्रणाधीन एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करेगी, जो सेना के साथ बेहतर समन्वय के लिए स्थानीय निवासियों से संपर्क रखेगा।
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