न्यूज़ पोर्टल्स:सबकी खबर (शिंलाई)
जहाँ प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए करोड़ो रुपये खर्चे जा रहे है वही दुसरी ओर किसानों की कुलाह जमीन बरसात के समय कटाव का खतरा सेकिसानों कि चिंता अभी से ही सताने लगी है ।
यह मामला गिरीपार क्षेत्र के शिल्ला पंचायत के नेड़ा खड्ड (खरियाड) का है , जहाँ से किसान अपनी दो बक्त की रोटी की व्यवस्था करता है और अपना परिवार के खर्चा चलाता है। यदि उसी जमीन में भूमि कटाव लगा तो किसान किसके आगे हाथ फैलाएगा ।
क्या प्रदेश सरकार चंद पैसे से इनका जीवन सवार पाएगी ? पिछले साल बरसात में पंचायत शिल्ला वासियो की कई बीघा जमीन भूमि कटाव हुआ जिसमे लोगो को अपनी जमीन से हाथ धोना पड़ा ।
शिल्ला गांव के मुखिया नम्बरदार जगत सिंह, कवर सिंह ,रत्न सिंह ,रघुवीर सिंह ,नरेश, खुशी राम, मोहो राम ,सोभा राम, सूरत सिंह, गुलाब सिंह, प्रेम सिंह , प्रताप सिंह, गंगू राम, गुमान सिंह, जगत सिंह, प्रकाश, सुमेर सिंह, मुंशी राम बताते है कि किसी समय नेड़ा खड़ के (खरियाड) क्यार में जमीन बहुत उपजाऊ होने से शिल्ला गांव के 150 घर धान व गेंहू, प्याज लहसुन इत्यादि फसल उगाया करते थे । जिससे गांव के सभी लोग साल भर खाने के लिए की पूरी ब्यवस्था रहती थी । यहाँ तक कि बाजार से अनाज नही लाना पड़ता था ।
लेकिन जब से बरसात के दिनों में भूमि पर जमीन का कटाव लगा है तब से लोगों ने उस उपजाऊ जमीन पर काम करना छोड़ दिया है ,जहाँ से पूरे गांव को खाने के लिए भरपूर अनाज उपलब्ध होता था लेकिन भूमि कटाव लगने के बाद गांव की करोड़ो की जमीन पानी मे बह गई । बची जमीन में भी बरसात में भूमि कटाव का ख़तरा मंडरा रहा है । भूमि कटाव इतना अधिक लग चुका है कि अब गांव के कुछ चुनिंदा लोग जो वही रह रहे है वो भी खतरे में है यदि इस भूमि कटाव कोई ठोस कदम नहीं आने वाली गांव के किसान को बची जमीन से भी हाथ धोना पड़ेगा।
उधर, पंचायत प्रधान सूरतों देवी ने कहा कि
पंचायत के माध्यम से प्रदेश सरकार व जिलाधीश के समक्ष उपजाऊ भूमि बचाने के लिए चैक डेम बनने की मांग उठाई जाएगी।
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